logo-image

केंद्रीय गृहमंत्री बिहार दौरे से साधेंगे नए राजनीतिक समीकरण

केंद्रीय गृहमंत्री बिहार दौरे से साधेंगे नए राजनीतिक समीकरण

Updated on: 23 Feb 2023, 10:05 PM

पटना:

देश के गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर बिहार के दौरे पर आने वाले हैं। माना जा रहा है कि शाह अपने बिहार दौरे के क्रम में वाल्मीकिनगर में कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे तो पटना में स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में किसानों को साधने की कोशिश करेंगे।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के साथ जाने के बाद भाजपा के रणनीतिकारों की नजर बिहार पर है। शाह और भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा बिहार का दौरा कर चुके हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बेतिया के सांसद डॉ संजय जायसवाल ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह 25 फरवरी को सुबह 11 बजे दिन में वे लौरिया के साहूजन मैदान में लोगों को संबोधित करेंगे। उसके बाद वे नंदनगढ़ जाएंगे। नंदन गढ़ में वे उस बौद्ध स्तूप का दर्शन करेंगे। जहां से राजकुमार सिद्धार्थ यानी महात्मा बुद्ध, अपने राजसी वस्त्रों को त्यागकर ज्ञान की खोज में निकले थे।

इसके बाद पटना में आयोजित स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती समारोह सह किसान, मजदूर समागम में हिस्सा लेंगे।

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा कहते हैं कि स्वामी सहजानंद सरस्वती बिहार के ही नहीं देश में मजदूरों, किसानों को आवाज दी। किसानों को एकजुट कर स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया।

स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती के मौके पर पटना के बापू सभागार में हो रहे किसान मजदूर समागम के बहाने भाजपा सवर्ण वोटरों और किसानों, मजदूरों को साधने की कोशिश में जुटी है।

भाजपा के सवर्ण नेता सांसद विवेक ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के साथ ही सम्राट चौधरी सहित अन्य नेता भी जिलों में घूम-घूम कर आयोजन में भाग लेने के लिए लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर भाजपा के कार्यकतार्ओं में उत्साह है तो छोटे दलों की भाजपा के बढ़ती नजदीकियों से भी भाजपा संतुष्ट है। कुछ दिन पहले ही दरभंगा में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े ने साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार अब कभी भाजपा के साथ नहीं आ सकते।

ऐसी स्थिति में भाजपा उनकी कमी को दूर करने को लेकर छोटे दलों को साथ लाने को रणनीति पर काम कर रही है। हालांकि भाजपा भी मानती है कि कई छोटे दलों पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।

ऐसे में भाजपा की तैयारी सभी सीटों पर है। भाजपा की नजर उन सीटों पर है जिन सीटों पर जदयू का कब्जा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू और भाजपा साथ में मिलकर चुनाव लड़ी थी।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.