एनईपी के दो साल: रटे रटाये ज्ञान से पद मिल सकता है लेकिन व्यक्ति बड़ा नहीं बन सकता - अमित शाह

एनईपी के दो साल: रटे रटाये ज्ञान से पद मिल सकता है लेकिन व्यक्ति बड़ा नहीं बन सकता - अमित शाह

एनईपी के दो साल: रटे रटाये ज्ञान से पद मिल सकता है लेकिन व्यक्ति बड़ा नहीं बन सकता - अमित शाह

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IANS
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Amit Shah

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

केन्द्रीय गृह अमित शाह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिवर्तनकारी सुधार के दो वर्ष पूरे होने पर कई नई पहलों का उद्घाटन किया है। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक महान भारत की रचना की नींव है और ये एक महान भारत की रचना का कारण बनने वाली है।

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शाह ने कहा कि इस नीति के 5 प्रमुख स्तंभ हैं- सामथ्र्य की वृद्धि, पहुंच, गुणवत्ता, निष्पक्षता और जवाबदेही। इन पांच प्रमुख स्तंभों पर यह पूरी शिक्षा का दस्तावेज बनाया गया है। इसमें शिक्षा की वर्तमान 10 प्लस 2 की व्यवस्था को भी बदलने का प्रावधान है और बहुत सारे अन्य बदलाव किए गए हैं।

अमित शाह ने कहा कि राज्यों के सहयोग के बगैर हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सफल हो ही नहीं सकती। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो टीम इंडिया की एक कल्पना की है, यह राज्य और केंद्र नहीं है, केंद्र और राज्य मिलकर एक टीम बनती है वो ही टीम इंडिया है और अगर वह पूरी टीम इंडिया नहीं बनती है तो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जमीन पर नहीं उतर सकती। मेरा राज्य के सभी अधिकारियों से भी अनुरोध है कि आप अपने राज्यों में भी इस नई शिक्षा नीति को जमीन पर उतारने का रोड मैप बनाइए।

प्राथमिक शिक्षा के अंदर निपुण भारत मिशन, विद्या प्रवेश, विद्यांजलि, निष्ठा, एफएलएन, सार्थक, समग्र शिक्षा का एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम, कौशल और व्यावसायिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा का पुनर्गठन जैसे बहुत सारे इनीशिएटिव प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में लिए हैं और परिणाम भी मिले हैं। ड्रॉपआउट रेशो को लगभग 4 गुना कम करने में सफल हुए हैं।

उच्च शिक्षा में भी भारतीय भाषाओं को महत्व देने की शुरूआत हुई है। जेइई और नीट यूजी की परीक्षाएं 12 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में आयोजित की गई हैं। इसी तरह से कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट भी 13 भारतीय भाषाओं में हुआ है। 10 राज्यों ने इंजीनियरिंग में भारतीय भाषा हिंदी, तमिल, कन्नड़, तेलुगू, मराठी और बंगाली को स्वीकार किया है।

उन्होंने कहा कि कोई भी देश जमीन, नदियों, पहाड़ों या कारखानों से नहीं बनता है, बल्कि राष्ट्र उसके नागरिकों और जनता के संस्कृति और संस्कार से बनता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रतिभावान नागरिक बनाने की मूल कल्पना के साथ बनाई गई है।

अमित शाह ने कहा कि इस शिक्षा नीति में स्कूल और उच्च शिक्षा के सिस्टम में 2025 तक कम से कम 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। यह एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि एक बार अगर विद्यार्थी की नींव, रूचि तय हो जाए और उसे रोजगार के साथ जोड़कर अगर व्यावसायिक शिक्षण देते हैं, तो वो अच्छा नागरिक बनकर अपने जीवन की जरूरतों को तो पूरा करेगा ही, साथ ही देश के विकास को भी गति देगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (मेरू) का भारत को एक ग्लोबल स्टडी डेस्टिनेशन बनाने में बहुत बड़ा रोल आने वाले दिनों में होगा। उन्होंने कहा कि हमने लक्ष्य रखा है कि 2030 तक प्रत्येक जिले या 2 जिलों के बीच एक मल्टीडिसीप्लिनरी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था और रिक्वायरमेंट को समझते हुए, हमारे देश की आबादी को कंसीडर करते हुए एक नई अर्थव्यवस्था बनाने का बीज भी इस नीति में मैं देख रहा हूं। नॉलेज क्रिएशन और रिसर्च इन दो बिंदुओं पर इस शिक्षा नीति में बहुत महत्व दिया गया है। दुनिया के कंपैरिजन में यहां आर एंड डी बहुत कम है और नई एजुकेशन पॉलिसी ने इस पर भी थ्रस्ट देने का काम किया है। इससे हमारे अर्थतंत्र को जीवंत बनाने और हमारे समाज के साथ अर्थतंत्र का सही मायनों में जुड़ाव करने में बहुत बड़ी सफलता मिलेगी।

उन्होंने कहा कि चाहे टेक्निकल एजुकेशन हो, मेडिकल एजुकेशन हो या कानून की शिक्षा हो, जब हम वह शिक्षा भारतीय भाषाओं में नहीं करते हैं तब हम देश की क्षमता का 5 प्रतिशत उपयोग करते हैं। 95 प्रतिशत बच्चों ने अपनी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा ली है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी क्षमताओं को सीमित कर दिया है। रिसर्च एंड डेवलपमेंट हो या मेडिकल साइंस को आगे बढ़ाना है और अगर 100 बच्चे उपलब्ध है तो उसमें से आपने पांच बच्चों पर ही हाथ रख दिया। अगर यह ज्ञान भारतीय भाषा में उपलब्ध है तो शत-प्रतिशत क्षमता का उपयोग देश के विकास के लिए हो सकता है। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी जी को बधाई देना चाहूंगा कि इंजीनियरिंग और मेडिकल के कोर्स को और अब कोर्ट में भी भारतीय भाषाओं की शुरूआत हो रही है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमने हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन की स्थापना में 6 केंद्रीय विश्वविद्यालय बढ़ाएं हैं, 7 आईआईटी, 7 आईआईएम, 16 आईआईआईटी, 15 एम्स, 209 मेडिकल कॉलेज और कुल विश्वविद्यालय 302 बढ़ाने का काम केन्द्र सरकार ने किया है।

कॉलेजों की संख्या में 5700 की वृद्धि की और यही दर्शाता है कि नरेंद्र मोदी सरकार का थ्रस्ट प्राइमरी एजुकेशन से लेकर हायर एजुकेशन और प्राइमरी एजुकेशन से लेकर टेक्निकल और मेडिकल एजुकेशन पर समग्रता से है।

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Source : IANS

      
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