सुशासन दिवस पर बोले अमित शाह, पहले की सरकारें वोट बैंक को ध्यान में रखकर लेती थी फैसले
सुशासन दिवस पर बोले अमित शाह, पहले की सरकारें वोट बैंक को ध्यान में रखकर लेती थी फैसले
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पहले की सरकारें जनता के हित की बजाय अपने वोट बैंक को ध्यान में रखकर फैसले लेती थी, लेकिन मोदी सरकार ने हमेशा लोगों को अच्छे लगने वाले नहीं बल्कि लोगों के लिए अच्छे होने वाले फैसले ही लिए और यह वही कर सकता है जिसके मन में सुशासन हेतु ²ढ़ विश्वास हो।नई दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित सुशासन दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, पहले की 21 सरकारों ने कभी न कभी अपने वोट बैंक को ध्यान में रखकर फैसले लिए लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने लोगों को अच्छे लगने वाले नहीं बल्कि लोगों के लिए अच्छे हों, ऐसे फैसले लिए। यह बहुत बड़ा अंतर है।
शाह ने आगे कहा कि लोगों को अच्छे लगने वाले फैसले कर, कुछ समय के लिए लोकप्रियता हासिल करना और देश को समस्या से घिरे हुए रखना, यही पहले की सरकारें करती रही हैं। कटुता और विरोध को झेलकर, राजनीतिक नुकसान के बावजूद लोगों के लिए अच्छे हो, ऐसे फैसले वही व्यक्ति कर सकता है जिसके मन में सुशासन के प्रति ²ढ़ श्रद्धा हो, ²ढ़ विश्वास हो और सुशासन के परिणामों के बारे में सुनिश्चितता हो और प्रधानमंत्री मोदी ने यह करके दिखाया है। उन्होंने दावा किया कि इसी वजह से लोगों और सरकार, दोनों का एक दूसरे पर विश्वास बढ़ा है।
सुशासन हेतु सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी और पारदर्शी विकास के मॉडल की वकालत करते हुए शाह ने दावा किया कि मोदी सरकार ने पहले की सरकारों के समय विकास की व्याख्या के जो द्वंद थे उन्हें समाप्त कर सभी क्षेत्रों का सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी विकास कर लोगों की अपेक्षाओं को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वराज को सुराज में बदलने का काम किया है जिससे देश की जनता का लोकतंत्र में विश्वास और बढ़ा है। उन्होंने जनता के हित में उठाए गए सरकार के तमाम फैसलों और उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं है।
गृह मंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को जनता के हित में काम करने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकारें नीतियां और कानून बनाती है, लेकिन उनका अनुपालन प्रशासनिक अमले को करना है इसलिए नीतियों और नियमों के उद्देश्यों को समझकर जनता के हित में क्या और बेहतर कर सकते हैं, इसका प्रयास करना चाहिए।
अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय को उनकी जयंती पर याद करते हुए शाह ने कहा कि मालवीय जी ने भारतीय परंपरा के अनुसार नई व आधुनिक शिक्षा पद्धति कैसी हो इसका और अटल जी ने आधुनिक भारत में सुशासन को जमीन पर उतारने का आदर्श स्थापित किया।
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