मप्र में भाजपा की आदिवासियों में पैठ मजबूत करने की कोशिश, शाह शनिवार को जाएंगे जबलपुर

मप्र में भाजपा की आदिवासियों में पैठ मजबूत करने की कोशिश, शाह शनिवार को जाएंगे जबलपुर

मप्र में भाजपा की आदिवासियों में पैठ मजबूत करने की कोशिश, शाह शनिवार को जाएंगे जबलपुर

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IANS
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Amit Shah

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासी वोटबैंक में अपनी पैठ को और मजबूत करने की कोशिशों को और तेज कर दिया है। इसी के तहत जबलपुर में आदिवासी नायक शंकरशाह व रघुनाथ शाह की याद में गौरव समारोह 18 सितंबर को आयोजित किया जा रहा है। इस समारोह में देश के गृहमंत्री अमित शाह भी हिस्सा लेने वाले हैं।

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राज्य की सियासत और जातीय गणित पर गौर करें तो एक बात तो साफ हो जाती है कि 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं, इस तरह 23 फीसदी से अधिक विधानसभा सीटों से इस वर्ग के प्रतिनिधि चुने जाते हैं। इस वर्ग को कांग्रेस का वोटबैंक माना जाता रहा है, मगर धीरे-धीरे स्थितियां बदली हैं, यही कारण है कि भाजपा अब इस वर्ग में अपनी पैठ को और मजबूत करना चाहती है।

राज्य में कांग्रेस की सरकार ने नौ अगस्त को आदिवासी दिवस का न केवल ऐलान किया था, बल्कि इस दिन सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया था, मगर भाजपा ने दोबारा सत्ता में लौटते ही आदिवासी दिवस के सार्वजनिक अवकाश को रद्द किया और अब बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया है। साथ ही इस दिन को जनजातीय गौरव दिवस के तौर पर मनाया जाएगा।

भाजपा की आदिवासियों को लुभाने की कोशिश जारी है, इसी क्रम में जबलपुर में आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव में जनजाति नायकों शंकरशाह व रघुनाथ शाह की याद में गौरव समारोह 18 सितंबर को आयोजित किया जाने वाला है। इस आयोजन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे।

गोंडवाना साम्राज्य के पिता-पुत्र राजा शंकरशाह और रघुनाथ शाह ने अंग्रेजी के आगे झुकने से इंकार कर दिया था और वे अंग्रेजों की सत्ता को उखाड़ फैंकना चाहते थे। आजादी के 1857 में हुए पहले स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मध्य प्रांत के राजघरानों को एकजुट करने की मुहिम चलाई थी, मगर वे अपनी योजना में सफल नहीं हुए। अग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार किया, अग्रेजों ने कुछ शर्ते रखते हुए उन्हें कई तरह के प्रलोभन दिए, मगर पिता-पुत्र किसी भी तरह के समझौते के लिए तैयार नहीं हुए तो 18 सितंबर 1857 को पिता-पुत्र को तोप के आगे बांधकर उड़ा दिया गया था।

महाकौशल वह इलाका है जहां शंकर शाह और रघुनाथ शाह को मानने वाले अर्थात गोंड वंश के लोग बड़ी तादाद में हैं, इसी बात को ध्यान में रखकर भाजपा बलिदान दिवस के मौके पर खास आयोजन करने जा रही है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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