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राजनीति के मौजूदा चाणक्य अमित शाह बुधवार को बीजपी अध्यक्ष के रूप में 3 साल पूरा करेंगे

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बुधवार को अपने कार्यकाल का तीन साल पूरा करेंगे। इस कार्यकाल के दौरान बीजेपी ने काफी तेजी से पूरे देश में अपना आधार बढ़ा लिया।

Updated on: 08 Aug 2017, 09:15 PM

highlights

  • बुधवार को 3 साल पूरे होंगे अमित शाह के बीजेपी अध्यक्ष के रूप में
  • शाह के नेतृत्व में बीजेपी ने काफी तेजी से पूरे देश में अपना आधार बढ़ाया
  • पार्टी का स्वर्ण युग आएगा, जब 'पंचायत से लेकर संसद तक' पूरे देश में यह शासन करेगा: शाह

नई दिल्ली:

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बुधवार को अपने कार्यकाल का तीन साल पूरा करेंगे। इस कार्यकाल के दौरान बीजेपी ने काफी तेजी से पूरे देश में अपना आधार बढ़ा लिया। इस दौरान पार्टी ने शाह के कुशाग्र राजनीतिक क्षमता से गोवा, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में बिना बहुमत के अपने आपको स्थापित कर लिया।

कुशल रणनीतिज्ञ और लगातार काम करने की आदत के रूप में देखे जाने वाले शाह को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अंतरंग मित्र बताया जाता है। इन दोनों ने एक साथ बीजेपी को राजनीतिक रूप से मजबूत कर दिया, जिससे पार्टी 3 सालों में सफलता के शिखर पर इस तरह पहुंच गई, जिसकी 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

मोदी की लोगों से अपील और शाह की संगठनात्मक कार्य क्षमता और चतुराई के सम्मिश्रण ने 13 राज्यों में बीजेपी को सत्ता में पहुंच दिया। साथ ही 5 अन्य राज्यों में गठबंधन के साथ बीजेपी को सरकार में ला दिया। अमित शाह की निगरानी में बीजेपी और इसके सहयोगी दलों ने मिलकर 2014 के लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड 80 में 73 सीट हासिल कर लिया।

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गुजरात के 52 साल के नेता अपना चौथा कार्यकाल शुरु कर पार्टी की जिम्मेदारियों को संभालने को तैयार हैं। वह गुजरात राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने संसदीय पारी की भी शुरुआत करने जा रहे हैं। शाह को जुलाई 2014 में राजनाथ सिंह के मोदी कैबिनेट में जाने के बाद पार्टी अध्यक्ष के लिए नियुक्त किया गया, लेकिन बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने 9 अगस्त को इस निर्णय पर मंजूरी दी थी।

अगर एक पार्टी के बढ़ते जनसमर्थन को इसके पार्टी अध्यक्ष की लोकप्रियता से मापा जाए, तो अमित शाह सफलतम बीजेपी अध्यक्ष हैं। पार्टी नेताओं ने भी कहा कि उनके नेतृत्व में बीजेपी ने न सिर्फ सबसे ज्यादा चुनाव जीते हैं, बल्कि हारे गए चुनावों में भी पार्टी का वोट प्रतिशत काफी बढ़ा है, जिसमें बिहार भी शामिल है।

पार्टी के सूत्रों ने कहा, 'पार्टी ने देश के सभी क्षेत्रों में अपना विस्तार किया है। शाह ने इसके संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीन दयाल उपाध्याय के विजन 'सभी भारतीयों का पार्टी' और 'सभी भारतीयों के साथ एक पार्टी' को जिन्दा रखते हुए काम किया है। ' जम्मू- कश्मीर, असम, मणिपुर जैसे राज्यों में पार्टी ने पहली बार सत्ता का स्वाद चखा।

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शाह लगातार जमीन पर सरकार की योजना और पार्टी के कामों को लेकर जनता को जागरूक करने के लिए भी उनसे संपर्क में रहे हैं। पार्टी के सीनियर नेता ने कहा, 'अगर पार्टी अध्यक्ष खुद से 110 दिनों के राष्ट्रव्यापी दौरे का निर्णय करते हैं, दीवारों पर पोस्टर लगाते हैं, बूथ लेवल पर कार्यकर्ताओं और आम मतदाताओं से बात करते हैं, तो यह पूरे संगठन को ऊर्जावान बनाता है।'

उन्होंने कहा कि औसतन शाह रैलियों और दूसरे कार्यक्रमों को लेकर देश के सभी इलाकों में लगभग प्रतिदिन के हिसाब से 541 किलोमाटर की यात्रा कर चुके हैं। शाह ने अगले लोकसभा चुनाव के साथ- साथ आने वाले चुनावों के लिए बीजेपी की रणनीतियों को तैयार कर लिया है। शाह ने घोषणा की है कि पार्टी का स्वर्ण युग आएगा, जब 'पंचायत से लेकर संसद तक' पूरे देश में यह शासन करेगा।

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