छत्तीसगढ़ कांग्रेस में दरार के बीच दिल्ली में सिंहदेव की मौजूदगी से अटकलें तेज

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में दरार के बीच दिल्ली में सिंहदेव की मौजूदगी से अटकलें तेज

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में दरार के बीच दिल्ली में सिंहदेव की मौजूदगी से अटकलें तेज

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IANS
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Amid rift

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में दरार के बीच स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव दिल्ली में हैं, जबकि किसी भी पक्ष से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उनकी उपस्थिति ने छत्तीसगढ़ में बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद संभालने के बारे में अटकलों को हवा दी है। हालांकि, उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वह निजी दौरे पर हैं और उनका कोई आधिकारिक यात्रा कार्यक्रम नहीं है।

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लेकिन सूत्रों का दावा है कि वह दिल्ली में कांग्रेस नेताओं से मिल सकते हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ पर संशय अभी खत्म नहीं हुआ है और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सितंबर के दूसरे सप्ताह में सरगुजा और बस्तर का दौरा करने की उम्मीद है।

राज्य इकाई उनके दौरे की तैयारी कर रही है, क्योंकि सरगुजा राज्य में सिंहदेव का गढ़ है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री सोमवार शाम दिल्ली पहुंचे।

रोटेशनल मुख्यमंत्री के मुद्दे पर राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते दो बैठकें की थीं, जिनमें दोनों नेता शामिल थे। पार्टी सूत्रों ने कहा कि सिंहदेव और भूपेश बघेल दोनों पहली बैठक में मौजूद थे, जबकि दूसरी बैठक पिछले शुक्रवार को राहुल गांधी और मुख्यमंत्री बघेल के बीच हुई थी, लेकिन नेतृत्व परिवर्तन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था।

बैठक के बाद बघेल ने कहा था कि उन्होंने राहुल गांधी को राज्य का दौरा करने का न्योता दिया है।

लेकिन सूत्रों का कहना है कि मामला अभी खत्म नहीं हुआ है और शीर्ष नेतृत्व किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले सिंहदेव से बात कर सकता है, लेकिन फिलहाल बघेल को दिल्ली से राहत मिली है, लेकिन क्या यह स्थायी या अस्थायी है, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है और कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

सिंहदेव जो रोटेशनल मुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर जोर दे रहे हैं, वह एक लाइन बना रहे हैं कि सब कुछ पार्टी नेतृत्व के दायरे में है और उनके द्वारा जो भी फैसला लिया जाएगा, उसे स्वीकार किया जाएगा।

बघेल खेमे ने 56 विधायकों के समर्थन का दावा किया है।

खनिज समृद्ध राज्य में 90 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के 70 विधायक हैं, फिर भी पुरानी पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है, क्योंकि सिंहदेव बघेल की जगह लेने के लिए अपनी तरफ से जोर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2018 के अंत में उनसे वादा किया गया था कि बघेल के कार्यकाल के ढाई साल पूरे होने के बाद वह उनकी जगह लेंगे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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