Pralay Missile को मिली मंजूरी, चीन-पाक सीमा पर तैनात होगी रॉकेट आर्मी
Amid conflict, India approves 120 Pralay missiles for armed forces along Pak-China border: रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों के लिए 120 प्रलय सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल खरीदने को मंजूरी दे दी है. खास बात यह है कि प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल को भारत...
highlights
- प्रलय मिसाइल को मिली मंजूरी
- पाकिस्तान-चीन सीमा पर होगी तैनाती
- भारत बना रहा है अलग रॉकेट आर्मी
नई दिल्ली:
Amid conflict, India approves 120 Pralay missiles for armed forces along Pak-China border: रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों के लिए 120 प्रलय सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल खरीदने को मंजूरी दे दी है. खास बात यह है कि प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल को भारत चीन सीमा, और भारत पाकिस्तान सीमा पर तैनात किया जाएगा. प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल में 150 से 500 किलोमीटर के बीच दुश्मन के ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता हैं. यह सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल है. प्रलय बैलेस्टिक मिसाइल की मंजूरी के साथ ही रॉकेट बल बनाने की परियोजना को भी प्रोत्साहन मिला है. प्रलय मिसाइल की गति करीब 2000 किलोमीटर प्रतिघंटा जा सकती है. प्रलय में रात में भी हमला कर सकती है. इसमें इंफ्रारेड या थर्मल स्कैनर है.
चीनी-पाकिस्तानी मिसाइलों का जवाब है प्रलय
माना जा रहा है कि यह मिसाइल वायु सेना और थलसेना को उपलब्ध कराई जाएंगी. चीन के पास इस स्तर की डोंगफेंग-12 और पाकिस्तान के पास गजनवी, एम-11 और शाहीन मिसाइल हैं. माना जाता है कि पाकिस्तान को इनमें से गजनवी मिसाइल चाइना से मिली है. प्रलय की सटीकता 10 मीटर है यानी टारगेट के 10 मीटर के दायरे में यह मिसाइल सटीक निशाने के बराबर ही नुकसान करेगी. छोटी दूरी होने का फायदा यह है कि इसे देश की पश्चिमी, पूर्वी या उत्तरी सीमा से लांच करने पर केवल टारगेट एरिया ही नष्ट होगा. इसमें इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम होने के लिए एडवांस मिसाइल को विकसित किया गया है. हवा में एक निश्चित दूरी तय करने के बाद इसमें अपना रास्ता बदलने की क्षमता है. ये मिसाइलें दुश्मन के हवाई स्थलों को पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता प्रदान करती हैं.
ये भी पढ़ें: Pralay करेगा चीन-पाक आर्मी को ध्वस्त, रॉकेट फोर्स बना रही Indian Army
पहली बार सामरिक मामलों में बैलिस्टिक मिसाइलों की तैनाती
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में मिसाइल का दो बार सफल परीक्षण किया गया था. अब यह प्रथम अवसर है जब बैलिस्टिक मिसाइल को सामरिक अभियानों में इस्तेमाल किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मिसाइलों का बड़ी संख्या में उत्पादन किया जा सकता है. यह परियोजना सशस्त्र बलों के लिए रॉकेट बल बनाने की महत्वपूर्ण योजना को प्रोत्साहित करेगी. दिवंगत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी इस प्रकार के रॉकेट बल बनाए जाने के प्रमुख पक्षधर थे. हाल ही में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने भी कहा था कि दिवंगत जनरल बिपिन रावत सीमा पर दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए एक रॉकेट बल के निर्माण पर काम कर रहे थे.
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