दीदी ने TMC का बिखरा कुनबा बटोरना शुरू किया, जीतेंद्र तिवारी ने लिया यू-टर्न
शाह के सियासी दौरे से पहले तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने टीएमसी के बिखरे पत्ते बटोरने शुरू कर दिए हैं. इस कड़ी में टीएमसी के वरिष्ठ नेता जीतेंद्र तिवारी ने यू-टर्न ले लिया है.
कोलकाता:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरे पर शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात कोलकाता पहुंचे. उनके स्वागत में एयरपोर्ट पर उमड़ी भीड़ से साफ हो गया है कि यह दौरा बंगाल की राजनीति में जबर्दस्त उतार-चढ़ाव वाला साबित होगा. इस बीच शाह के सियासी दौरे से पहले सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने टीएमसी के बिखरे पत्ते बटोरने शुरू कर दिए हैं. इस कड़ी में टीएमसी के वरिष्ठ नेता जीतेंद्र तिवारी ने अरूप विस्वास से मुलाकात के बाद यू-टर्न ले लिया. उन्होंने शुक्रवार देर रात दावा किया कि वह टीएमसी में ही बने रहेंगे. हालांकि जीतेंद्र तिवारी के यू-टर्न का एक कारण बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो भी बताए जा रहे हैं, जिन्होंने अपने फेसबुक पेज पर उनके बीजेपी में शामिल होने का विरोध किया था.
जीतेंद्र तिवारी ने अरूप विस्वास से मुलाकात बाद बदला फैसला
शुक्रवार देर रात आसनसोल में टीएमसी के पूर्व प्रभारी जीतेंद्र तिवारी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अरूप विस्वास से मुलाकात की. बताते हैं कि अरूप विस्वास से मुलाकात के बाद जीतेंद्र तिवारी ने पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल होने का इरादा फिलहाल त्याग दिया. अरूप विस्वास से मुलाकात के बाद जीतेंद्र तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं टीएमसी में ही हूं. इसके पहले सामने आए विरोधाभासों के लिए मैं ममता बनर्जी से माफी मांगता हूं'. गौरतलब है कि जीतेंद्र तिवारी ने 17 दिसंबर को टीएमसी से इस्तीफा दे दिया था.
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बाबुल सुप्रियो ने किया विरोध
जीतेंद्र तिवारी के यू-टर्न से साफ होता है कि बंगाल में चुनाव से पहले सियासत में लगातार उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीतेंद्र तिवारी को लेकर पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि वह जल्द ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिए विरोध करते हुए कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि जितेंद्र तिवारी जैसे नेता पार्टी में आएं. आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पर पोस्ट लिख जितेंद्र तिवारी का विरोध किया है. कह सकते हैं कि एक के बाद एक कई नेताओं के पार्टी छोड़ने से परेशान तृणमूल कांग्रेस के लिए राहत भरी खबर है.
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बाबुल के विरोध से बीजेपी ने भी किया किनारा
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी जितेंद्र तिवारी को लेकर खास उत्साहित नहीं रही, खासकर आसनसोल के बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो की ओर से सार्वजनिक तौर पर उनके खिलाफ विरोध करने के बाद पार्टी ने किनारा करने का फैसला लिया. बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पर पोस्ट किया, 'मैं ये इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि कुछ लोग अफवाहों को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि मैंने आसनसोल के टीएमसी नेताओं के साथ अंडर-टेबल डीलिंग की है और अब वे बीजेपी में आने की जुगत में हैं. मैं साफतौर पर बता दूं कि ऐसी किसी भी तरह की डीलिंग करके पार्टी में अपने सहयोगियों के साथ मैं विश्वासघात नहीं करूंगा.' बाबुल सुप्रियो ने कहा कि बीजेपी के हमारे साथियों ने आसनसोल से टीएमसी को हराने की लड़ाई लड़ी है.
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ममता बनर्जी से माफी मांगी
इस बीच जितेंद्र तिवारी ने मंत्री अरुप बिस्वास से मुलाकात के दौरान ममता बनर्जी से माफी मांगी है. इस दौरान राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी मौजूद थे. जितेंद्र तिवारी टीएमसी के विधायक रह चुके हैं. उन्होंने गुरुवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. कुछ ही समय पहले उन्होंने आसनसोल नगर निगम के बोर्ड ऑफ चेयरपर्सन पद से इस्तीफा दिया था. जितेंद्र तिवारी फिलहाल पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. इस्तीफा देते हुए उन्होंने आरोप लगाया था कि कोलकाता में खूब सारा फंड है लेकिन आसनसोल के विकास के लिए फंड नहीं मिलता. इसके पहले जितेंद्र तिवारी ने रानीगंज के टीडीबी कालेज तथा गर्ल्स कालेज के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं तिवारी ने ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम पर आसनसोल क्षेत्र में विकास न कराने का आरोप लगाया था.
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