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फ्यूचर ग्रुप के साथ मध्यस्थता पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक को चुनौती देते हुए अमेजॅन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

फ्यूचर ग्रुप के साथ मध्यस्थता पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक को चुनौती देते हुए अमेजॅन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

Updated on: 10 Jan 2022, 07:25 PM

नई दिल्ली:

अमेजन बनाम फ्यूचर ग्रुप के बीच जारी मध्यस्थता कार्यवाही पर दिल्ली उच्च न्यायालय की रोक को चुनौती देते हुए वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

दिल्ली उच्च न्यायलय ने दोनों फर्मों के बीच 2019 हुए सौदे के संबंध में चल रही मध्यस्थता की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।

घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिकिा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है और वकील इस मामले को इस सप्ताह के लिए सूचीबद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 5 जनवरी को, सिंगापुर ट्रिब्यूनल के समक्ष पक्षों के बीच आगे की मध्यस्थता की कार्यवाही पर एक फरवरी तक रोक लगा दी थी।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड और फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर दो अपीलों पर नोटिस जारी किया था। इन नोटिस का जवाब एक फरवरी, 2022 तक दिया जाना है। अदालत ने एकल न्यायाधीश के आदेश,पर भी रोक लगा दी है जिसने ट्रिब्यूनल द्वारा पारित दो आदेशों के खिलाफ फ्यूचर ग्रुप की याचिका को खारिज कर दिया था । फ्यूचर ग्रुप ने अमेजॅन की ओर से शुरू की गई मध्यस्थता कार्यवाही को समाप्त करने की मांग की थी।

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीआईआई) के आदेश का हवाला देते हुए, उच्च न्यायालय ने कहा था कि अपीलकर्ताओं के पक्ष में प्रथम ²ष्टया मामला बनता है, और वह सुनवाई की अगली तारीख तक न्यायाधिकरण की आगे की कार्यवाही पर रोक लगाएगा।

फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने फ्यूचर ग्रुप के साथ अमेजॅन के सौदे के लिए दी गई मंजूरी पर सीसीआई के रोक संबंधी आदेश का हवाला देते हुए कहा कि चूंकि अनुमोदन समाप्त हो गया है, समझौता स्वचालित रूप से अपना मूल्य खो देता है।

एमेजॉन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने दलील दी थी कि यह कहना उचित नहीं है कि ट्रिब्यूनल मध्यस्थता की कार्यवाही को समाप्त करने के आवेदन का संज्ञान नहीं ले रहा था।

पिछले साल दिसंबर में, सीसीआई ने अमेजॅन पर 202 करोड़ रुपये का जुमार्ना लगाया था और समूह की फ्यूचर कूपन के साथ सौदे के लिए अपनी मंजूरी को निलंबित कर दिया था तथा इस मामले और अतिरिक्त जानकारी मांगी थी।

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