कोरोनावायरस (Corona Virus) के संक्रमण से फैली महामारी ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है. भारत में भी इसका असर धीरे-धीरे दिखाई देने लगा है. जैसे ही यह महामारी भारत पहुंची, भारत सरकार ने पूरे देश में संपूर्ण लॉक डाउन (Lock Down) लगाकर कोरोना वायरस नामकी महामारी का संक्रमण रोक दिया. केंद्र सरकार के इस फैसले की वजह से भारत अन्य देशों के मुकाबले बहुत ही ज्यादा मजबूती से लड़ता हुआ दिखाई दे रहा है.
कोरोना वायरस महामारी के चलते श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की ओर से बुधवार को इस साल की अमरनाथ यात्रा रद्द होने की घोषणा की गई, लेकिन महज आधे घंटे के भीतर ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मीडिया में जारी इस बयान को ‘रद्द करके वापस’ ले लिया. हालांकि इस संबंध में अभी ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है जिससे 42 दिन चलने वाली यात्रा को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई है. यह यात्रा 23 जून से दो मार्गों अनंतनाग जिले के पहलगाम और गांदरबल जिले के बाल्टाल से शुरू होनी थी. ‘कोरोना वायरस महामारी की वजह से श्री अमरनाथ यात्रा रद्द’ शीर्षक से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया था.
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इसमें एक प्रवक्ता ने बताया कि यह निर्णय श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की 38वीं बैठक में लिया गया है. बैठक राजभवन में उप राज्यपाल जी सी मुर्मु की अध्यक्षता में हुई. उप राज्यपाल बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. बयान में यह भी कहा गया था कि बोर्ड ने निर्णय लिया है कि ‘प्रथम पूजा’ और ‘संपन्न पूजा’ पारंपरिक उत्साह के साथ संपन्न होगी. हालांकि आधे घंटे के भीतर एक अन्य आधिकारिक बयान जारी कर कहा गया कि ‘कोरोना वायरस महामारी की वजह से श्री अमरनाथ यात्रा रद्द’ शीर्षक से जारी पहले वाले बयान (संख्या-पीआर/डीआई/19/7062) को ‘रद्द और वापस’ लिया गया समझा जाए.
इससे पहले उपराज्यपाल मुर्मु ने कहा था कि जिन मार्गों से यह यात्रा गुजरेगी वहां घाटी में कुल 77 रेड जोन की पहचान की गई है. उन्होंने कहा, इस महामारी की वजह से लंगर लगाना, चिकित्सीय सुविधा, शिविर बनाना और सामग्रियों को जुटाना और मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि यद्यपि भारत सरकार ने राष्ट्रव्यापी बंद की अवधि को तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया है और इसके आगे की स्थिति को लेकर पूर्वानुमान लगाना कठिन है. ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है. प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड ने सर्वसम्मति से महामारी को देखते हुए यात्रा नहीं आयोजित करने के पक्ष में निर्णय लिया.
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उन्होंने कहा कि दुनिया भर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए बोर्ड ने यह भी निर्णय लिया है कि पूजा और शिवलिंग के दर्शन के लिए ऑनलाइन और मीडिया के अन्य माध्यमों के जरिए प्रसारण के रास्ते तलाशे जाएंगे. इससे इस तरह के धार्मिक जमावड़े से बचने का उदाहरण भी पेश किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने बताया कि हालांकि सरकार लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया है. उन्होंने यह भी बताया कि अभी ये तय नहीं है कि कोरोना वायरस की वजह से देश में ये सारी गतिविधियां कब तक बंद रहेंगी, लेकिन इस दौरान सरकार और प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा करना है. उन्होंने आगे बताया कि देश के मौजूदा हालात के मद्देनजर बोर्ड ने एकसाथ मिलकर ये फैसला किया कि साल 2020 में अमरनाथ यात्रा को रद्द करना ही उचित होगा.