/newsnation/media/post_attachments/images/2017/03/16/38-amrindersingh.jpg)
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सत्ता की कमान संभाल ली है। पंजाब के राज्यपाल वी पी सिंह बडनोरे ने अमरिंदर सिंह को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नवजोत सिंह सिद्धू को भी कैप्टन के कैबिनेट में जगह दी गई है।
सिद्धू ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर पहली बार अमृतसर ईस्ट से विधानसभा चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीते हैं।
सिद्धू सहित कैप्टन अमरिंदर सिंह के कैबिनेट में इन 9 लोगों को भी मंत्री बनाया गया है।
1. ब्रह्म मोहिंद्रा - पटियाला देहाती सीट से ब्रह्म महिंद्रा लगातार छठी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। पंजाब के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं में महेंद्रा की गिनती होती है। बेअंत सिंह की सरकार के वक्त ब्रह्म महिंद्रा इंडस्ट्री मिनिस्टर रह चुके हैं जबकि 2002 से लेकर 2007 के बीच कैप्टन सरकार के वक्त वो कई बोर्डों के चेयरमैन भी रह चुके हैं।
2. नवजोत सिंह सिद्धू - सिद्धू अपने राजनीतिक जीवन में पहली कैबिनेट मंत्री बने हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक दो महीने पहले पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। चुनाव के आखिरी 15 दिनों में कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू का बतौर स्टार कंटेनर पूरे पंजाब में इस्तेमाल किया। नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर ईस्ट सीट से विधायक चुने गए हैं। इस सीट पर पहले उन की पत्नी नवजोत कौर विधायक रह चुकी हैं।
3. मनप्रीत बादल - मनप्रीत बादल ने पंजाब विधानसभा चुनावों से लगभग 6 महीने पहले अपनी पार्टी (PPP) पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब का विलय कांग्रेस में कर दिया था। मनप्रीत बादल बठिंडा शहरी सीट से चुनाव जीते हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में पहले ही ऐलान कर रखा है कि सरकार बनने पर मनप्रीत बादल को वित्त मंत्रालय की जिम्मेवारी दी जाएगी। इससे पहले बादल सरकार में भी मनप्रीत बादल वित्त मंत्री रह चुके हैं।
4. साधू सिंह धर्मसोत - दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले साधू सिंह धर्मसोत लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं। धर्मसोत कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं।
5. तृप्त राजेंद्र बाजवा - पंजाब में कांग्रेस का जाट सिख चेहरा हैं। लगातार पांचवीं बार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। फतेहगढ़ चूड़ियां विधानसभा क्षेत्र से जीतते आ रहे हैं और कैप्टन अमरिंदर सिंह के नजदीकी माने जाते हैं।
6. राणा गुरजीत सिंह - कपूरथला से जीत कर आए राणा गुरजीत सिंह को भी कैप्टन की कैबिनेट में जगह मिली है। वो कपूरथला से लगातार विधायक चुने जाते रहे हैं। गुरजीत सिंह जालंधर संसदीय सीट से सांसद भी रह चुके हैं। इस समय कैप्टन अमरिंदर सिंह के नजदीकी कांग्रेसियों में राणा गुरजीत सिंह का नाम सबसे आगे है। राणा गुरजीत सिंह लगातार कैप्टन कैंप से ही जुड़े रहे है और वरिष्ठता के आधार पर भी उनको मंत्री पद मिला है।
7. चरणजीत सिंह चन्नी - चन्नी को भी कैबिनेट में मंत्री पद दिया गया है। वो दलित समुदाय से आते हैं और पिछली विधानसभा में पंजाब कांग्रेस विधायक दल के नेता रह चुके हैं। चन्नी एक बार निर्दलीय विधायक के तौर पर भी जीत चुके हैं जबकि लगातार दूसरी बार वो कांग्रेस के टिकट पर चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। चमकौर साहिब विधानसभा से चरणजीत चन्नी लगातार तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं।
राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार)
8. अरुणा चौधरी - अरुणा चौधरी को भी अमरिंदर सिंह कैबिनेट में जगह दी गई हैं। वो दलित समुदाय से संबंध रखती है। लगातार तीसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंची है। दीनानगर विधानसभा क्षेत्र से चुनावा जीता है।
9. रजिया सुल्ताना - 2002 में कैप्टन सरकार के वक्त भी रजिया सुल्ताना मुख्य संसदीय सचिव रह चुकी हैं। मुस्लिम समुदाय से पंजाब कांग्रेस की एकमात्र बड़ी नेता है। वो महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी करती हैं। रजिया कैप्टन अमरिंदर सिंह के नजदीकी IPS अफसर मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी है। कैप्टन सरकार में बतौर पंजाब पुलिस DGP भी मोहम्मद मुस्तफा का नाम पंजाब पुलिस के अफसरों में सबसे आगे चल रहा है।
ये भी पढ़ें: बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में पीएम मोदी ने 2019 लोकसभा चुनाव पर की चर्चा, कहा- अच्छे काम के बने ब्रांड एम्बेसडर
कैप्टन अमरिंदर सिंह दूसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने हैं। इससे पहले वह 2002 से 2007 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। चूकी पंजाब के सरकारी खजाने की हालत बेहद खराब है और अमरिंदर सिंह की मां भी बिमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं इसलिए शपथ ग्रहण कार्यक्रम को बेहद सादा रखा गया था।
ये भी पढ़ें: मोदी कैबिनेट ने नेशनल हेल्थ पॉलिसी को दी मंजूरी, सभी को मिलेगा सस्ता इलाज
पंजाब में विधानसभा की 117 सीटों में से 77 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया है। सत्ताधारी पार्टी अकाली-बीजेपी को 18 सीटें मिली हैं, राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी आप ने 20 सीटें जीतीं थी।
Source : News Nation Bureau