बादल परिवार और उनकी पार्टी के पूर्व नेता व पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच एक सांठगांठ को उजागर करने के प्रयास में, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने गुरुवार को कहा कि कैबिनेट मंत्री के रूप में उन्होंने एक केबल टीवी व्यवसायी कंपनी फास्टवे ट्रांसमिशन द्वारा चुराए गए राज्य करों की वसूली के लिए कानून का प्रस्ताव रखा था, जिसे अमरिंदर सिंह ने रूकवा दिया।
फास्टवे ट्रांसमिशन वह कंपनी है जो बादल शासन के दौरान राज्य में केबल टीवी व्यवसाय पर एकाधिकार करने के लिए आई थी, जिसका नेतृत्व अब शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल कर रहे हैं।
सिद्धू के अनुसार, फास्टवे के पास सरकार के साथ साझा किए जा रहे डेटा की तुलना में तीन-चार गुना टीवी कनेक्शन हैं।
सिद्धू ने एक ट्वीट में कहा, बादल ने अपने एकाधिकार की रक्षा के लिए कानून बनाए.. कैप्टेन अमरिंदर ने मेरे प्रस्तावित कानून को रोक दिया, जिससे तेजी से एकाधिकार समाप्त हो जाता, राज्य को प्रति कनेक्शन राजस्व मिलता और लोगों के लिए टीवी केबल की कीमतें आधी हो जातीं।
एक अन्य ट्वीट में, उन्होंने कहा: 2017 में मैंने कंप्यूटर और डेटा पर नियंत्रण करके चोरी किए गए राज्य करों को फास्टवे से पुनप्र्राप्त करने के लिए एक नया कानून प्रस्तावित किया था। यह केबल ऑपरेटरों को इस एकाधिकार से मुक्त कर देता था।
अमरिंदर सिंह के कट्टर विरोधी सिद्धू ने आगे कहा कि उनकी पांच साल की लड़ाई उन लोगों के खिलाफ है, जिन्होंने बादल के राजनीतिक संरक्षण में केबल नेटवर्क पर एकाधिकार कर लिया।
केबल माफिया के खिलाफ जंग की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस सप्ताह की शुरुआत में राज्य भर में गुटबंदी को खत्म करने के लिए केबल टीवी कनेक्शन की मासिक दर 100 रुपये तय करने की घोषणा की थी।
चन्नी ने कहा कि परिवहन और केबल के ऐसे सभी व्यवसाय बादल परिवार के स्वामित्व में हैं और अब लोगों को प्रति माह 100 रुपये से अधिक का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है, उन्होंने कहा कि नई दरों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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Source : IANS