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अपहरण मामले में बरी हुए अमन मणि त्रिपाठी

अपहरण मामले में बरी हुए अमन मणि त्रिपाठी

Updated on: 01 Oct 2021, 11:05 AM

लखनऊ:

विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट (लखनऊ) ने निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी सहित दो अन्य लोगों संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला को 6 अगस्त 2014 को व्यापारी ऋषि कुमार पांडे के अपहरण से संबंधित मामले में बरी कर दिया है।

अमन मणि पूर्वी उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के नौतनवा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।

उनके पिता अमर मणि त्रिपाठी और मां मधु मणि त्रिपाठी 2003 में कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के आरोप में गोरखपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।

अमन मणि और अन्य लोग अदालत में मौजूद थे जब अतिरिक्त जिला न्यायाधीश पवन कुमार राय ने अपना फैसला सुनाया।

अदालत में अमन मणि और अन्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मनीष त्रिपाठी ने कहा कि सांसद/विधायक अदालत ने ऋषि कुमार पांडे अपहरण मामले में सभी आरोपों से अमन मणि त्रिपाठी और दो अन्य को आरोप मुक्त कर दिया है। अदालत ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को सही नहीं पाया।

गोरखपुर जिले के रहने वाले ऋषि कुमार पांडेय ने 6 अगस्त 2014 को लखनऊ के छावनी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें अमन मणि, संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला पर राज्य की राजधानी से बंदूक की नोक पर अपहरण का आरोप लगाया गया था।

प्राथमिकी में, पांडे ने तीनों पर उसे बंधक बनाने का आरोप लगाया था, जब वह अपनी बीमार पत्नी, बहू और दो बेटों के साथ अपनी पत्नी के इलाज के लिए कार से नई दिल्ली जा रहे थे।

प्राथमिकी के अनुसार, घटना राज्य की राजधानी में हाउसिंग बोर्ड कार्यालय के सामने हुई, जब अमन मणि और दो अन्य लोगों ने पांडे की कार को जबरन रोका और उन्हें अपने वाहन में खींच लिया और भाग गए।

अपहरणकर्ताओं ने एक लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी और बाद में पांडे को कुछ घंटे बाद राज्य की राजधानी में वीवीआईपी गेस्ट हाउस के सामने उसे छोड़ दिया था।

बचाव पक्ष ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि अमन मणि के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप राजनीति से प्रेरित थे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.