अलवर लिंचिंग: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का खुलासा, रकबर ख़ान के हाथ पैर की टूटी थी हड्डी, शरीर पर 12 चोट के निशान
रिपोर्ट में रकबर के शरीर पर 12 चोट के निशान पाए गए हैं। इतना ही नहीं रिपोर्ट में रकबर ख़ान की पसली टूटने की बात कही गई है।
नई दिल्ली:
राजस्थान के अलवर में गोतस्करी के शक में अकबर उर्फ रकबर ख़ान की कथित मॉब लिंचिंग में हुई मौत को लेकर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक रकबर के एक हाथ और एक पैर की हड्डी टूटी हुई पाई गई थी।
रिपोर्ट में रकबर के शरीर पर 12 चोट के निशान पाए गए हैं। इतना ही नहीं रिपोर्ट में रकबर ख़ान की पसली टूटने की बात कही गई है। डॉक्टर्स के मुताबिक रकबर को काफी चोट आई है जिसमें उन्हें अंदरूनी रक्तस्त्राव भी हुआ है।
इसलिए संभव है कि सदमें में उसकी जान चली गई। फिलहाल रिपोर्ट जांच टीम को सौंप दी गई है।
पुलिस इस मामले में अब फॉरेंसिंक रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है।
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क्या है मामला
बता दें कि शुक्रवार रात राजस्थान के अलवर में अकबर उर्फ रकबर को कथित गो रक्षकों ने गो तस्करी के शक में पिटाई कर दी। बाद में जब उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि घायल होने के बाद पुलिस ने जानबूझ कर उसे अस्पताल पहुंचाने में देरी की जिससे उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस ने अकबर को 6 किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल पहुंचाने में 3 घंटे का समय लगाया।
वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अकबर को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उसके घर के सामने रुकी थी और वहां उसकी बुरी तरह से पिटाई की। मौत को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मामले की जांच सीनियर अफ़सर को सौंप दी गई है।
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सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार के मुताबिक अकबर और असलम रात में खेतों से होकर गाय ले जा रहे थे। जब ये मवेशी चिल्लाने लगे, तो कुछ गांव वालों ने बाहर आकर अकबर को पीटना शुरू किया।
तेज बारिश होने के कारण अकबर कीचड़ में गिर गया और उसका साथी असलम भाग निकला। तब तक पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई। हालांकि पीड़ित के कीचड़ से सने होने के कारण पुलिस ने उसे अपनी गाड़ी से ले जाने से इंकार कर दिया और गांव वालों को उसे साफ करने को कहा।
गांववालों ने उस पर पानी डाला। धर्मेंद्र नामक व्यक्ति अपने घर से कपड़े लाया। पुलिस ने बाद में धर्मेद्र को आरोपी के तौर पर हिरासत में ले लिया। विजय कुमार का कहना है कि पुलिस वाले नशे में थे और पीड़ित के पहले भी गो तस्करी में शामिल रहने के कारण पुलिस ने भी शायद उसे पीटा हो।
उनके अनुसार, जब अकबर की मौत हुई तो पुलिसवाले खुद को बचाने के लिए प्रत्यक्षदर्शियों को गिरफ्तार करने गांव आए। इस बीच गाय को तड़के 3.26 बजे एक तीन-पहिया वाहन से गौशाला ले जाया गया।
अलवर के पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने संवाददाताओं को बताया, 'हम मामले की जांच कर रहे हैं और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'
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