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जुबैर को नहीं मिली जमानत, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए

कथित रूप से धार्मिक विद्वेष, विदेशी फंडिंग, अपराधिक साजिश रचने के आरोपी आल्ट न्यूज के पत्रकार मो. जुबेर की जमानत याचिका शनिवार को कोर्ट ने खारिज कर दी.

Updated on: 02 Jul 2022, 10:38 PM

highlights

  • जुबैर पर हैं धार्मिक विद्वेष, विदेशी फंडिंग, आपराधिक साजिश रचने के आरोप
  • पुलिस ने पाक, सऊदी अरब व ऑस्ट्रेलिया समेत 12 देशों से फंडिंग की कही बात
  • PHC की सीएमएम ने  14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का सुनाया आदेश 

नई दिल्ली:

कथित रूप से धार्मिक विद्वेष, विदेशी फंडिंग, अपराधिक साजिश रचने के आरोपी आल्ट न्यूज के पत्रकार मो. जुबेर की जमानत याचिका शनिवार को कोर्ट ने खारिज कर दी. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट की मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) ने  14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश सुनाया. गौरतलब है कि मोहम्मद जुबेर को विदेशी फंडिंग और आपराधिक साजिश के तहत किए धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले ट्वीट के आरोप में पहले 5 दिन के रिमांड के बाद अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा है. 

पुलिस ने लगाए हैं ये गंभीर आरोप
पुलिस की ओर से पेश सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि हनीमून होटल को हनुमान होटल दिखाकर किए गए ट्वीट के पीछे आपराधिक मंशा का पता चलता है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी को पिछले कुछ समय में लाखों रुपए की पाकिस्तान, सऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया समेत 12 देशों से फंडिंग के सबूत मिले हैं. उन्होंने बताया कि जुबेर के ट्विटर हैंडल को अरब देशों, पाकिस्तान और मिडिल ईस्ट कंट्रीज से रिट्वीट किए गए. इसके पीछे की मंशा और कनेक्शन को स्पेशल सेल की विशेष यूनिट खंगाल रही है. उन्होंने कहा कि अदालत ने फैसले में माना कि मौजूदा तथ्यों और इन्वेस्टिगेशन को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती है. 

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2018 के पोस्ट के मामले में 27 जून 2022 को हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि आल्ट न्यूज सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने 4 साल पहले ट्विटर पर एक फोटो शेयर की थी. इसके साथ ही इस फोटो में लगे बोर्ड में बदलाव करते हुए मजाकिया लहजे में लिखा था कि 2014 से पहले: हनीमून होटल. 2014 के बाद : हनुमान होटल. जुबैर के इसी ट्वीट पर आपत्ति दर्ज कराते हुए 19 जून को शिकायत दर्ज कराई गई थी. इसके बाद 27 जून को दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसे उसी दिन दिल्ली की निचली अदालत ने एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. एक दिन की हिरासत में पूछताछ खत्म होने के बाद पेश किए जाने के बाद मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) ने उसकी हिरासत चार दिनों के लिए और बढ़ा दी थी. लेकिन इस बीच दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर विदेशी चंदा प्राप्त करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 201 (सबूत गायब करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) की धारा 35 भी जुबैर के खिलाफ लगा दी है,  जिसकी वजह से उन्हें जमानत मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.