सीबीआई रिश्वतकांड: पद से नहीं हटाए गए अस्थाना-वर्मा, CVC जांच तक काम देखेंगे एम नागेश्वर राव

सीबीआई प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि एम नागेश्वर राव तब तक सीबीआई निदेशक के कामकाज की निगरानी करेंगे जब तक की सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयोग) मामले की जांच कर रही है.

सीबीआई प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि एम नागेश्वर राव तब तक सीबीआई निदेशक के कामकाज की निगरानी करेंगे जब तक की सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयोग) मामले की जांच कर रही है.

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Deepak K
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सीबीआई रिश्वतकांड: पद से नहीं हटाए गए अस्थाना-वर्मा, CVC जांच तक काम देखेंगे एम नागेश्वर राव

सीबीआई रिश्वतकांड

सीबीआई के शीर्ष अधिकारी आलोक वर्मा निदेशक के पद पर और राकेश अस्थाना विशेष निदेशक के पद पर बने रहेंगे. उच्चतम न्यायालय में इस विषय पर सुनवाई होने से एक दिन पहले गुरूवार को सीबीआई प्रवक्ता ने यह कहा. दरअसल, दोनों अधिकारियों से सारे अधिकार वापस ले लिए गए हैं. सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा इन दोनों अधिकारियों से जुड़े मामले की जांच पर फैसला किए जाने तक एम नागेश्वर राव सिर्फ एक अंतरिम व्यवस्था हैं.

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वर्मा ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और उन्होंने 23 अक्टूबर की रात आए सरकार के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसके जरिए उनका और अस्थाना के सारे अधिकार वापस ले लिए गए तथा राव को निदेशक पद की जिम्मेदारियां सौंप दी गई. सरकार ने वर्मा और अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया है. सीबीआई के 55 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है.

केंद्र ने भ्रष्टाचार रोधी संस्था सीवीसी से मिली एक सिफारिश के बाद यह फैसला लिया. दरअसल, सीवीसी ने यह महसूस किया कि वर्मा आयोग के कामकाज में जानबूझ कर बाधा डाल रहे हैं, जो सीबीआई निदेशक के खिलाफ अस्थाना की शिकायतों की जांच कर रहा है.

सारे अधिकारों से वंचित किए जाने के बाद वर्मा ने शीर्ष न्यायालय का रूख कर दलील दी कि रातों रात उनके सारे अधिकार वापस ले लिया जाना सीबीआई की स्वतंत्रता में दखलंदाजी के समान है. उन्होंने कहा कि चूंकि सीबीआई के पूरी तरह से स्वतंत्र और स्वायत्त संस्था के तौर पर काम करने की उम्मीद की जाती है, ऐसे में कुछ मौके इस तरह के भी आते हैं जब उच्च पदाधिकारियों की किसी खास जांच में सरकार से वांछित निर्देश नहीं लिया जाता है.

वर्मा ने यह दलील भी केंद्र और सीवीसी का कदम अवैध है और इस तरह की दखलंदाजी सीबीआई की स्वतंत्रता एवं स्वायत्ता को कम करती है. वर्मा और अस्थाना के दर्जे के बारे में टिप्पणी करने से इनकार करने वाली सीबीआई ने एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि वर्मा सीबीआई के निदेशक और अस्थाना विशेष निदेशक के पद पर बने रहेंगे.

प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा कि आलोक वर्मा सीबीआई के निदेशक के पद पर और राकेश अस्थाना विशेष निदेशक के पद पर बने रहेंगे. वहीं, आरोप - प्रत्यारोप की सीवीसी द्वारा जांच किए जाने तक अंतरिम अवधि के दौरान एम नागेश्वर राव निदेशक का कामकाज संभालेंगे.

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वर्मा और एनजीओ कॉमन कॉज की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई होगी. एनजीओ का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण कर रहे हैं.

Source : News Nation Bureau

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