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दिल्ली हिंसा पर सरकार को घेरने वाले खुद भड़काऊ भाषण के आरोप से घिरे, SC ने सुनवाई से किया इंकार

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के पक्ष-विपक्ष में दिल्ली में भड़की हिंसा (Delhi Violence) पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर (Harsh Mander) सीएए पर अपने ही भाषण को लेकर कठघरे में आ हो गए हैं.

Updated on: 04 Mar 2020, 01:16 PM

highlights

  • याचिकाकर्ता हर्ष मंदर का भड़काऊ भाषण का वीडियो सामने आया.
  • SC ने वीडियो की ट्रांस स्क्रिप्ट पेश किए जाने तक सुनवाई से किया इंकार.
  • दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों पर सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टली.

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के पक्ष-विपक्ष में भड़की दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर (Harsh Mander) सीएए पर अपने ही भाषण को लेकर कठघरे में आ हो गए हैं. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली हिंसा पर सुनवाई के दौरान हर्ष मंदर के वायरल वीडियो की जानकारी अदालत को दी. इस वीडियो में याचिकाकर्ता हर्ष मंदर कथित तौर पर सीएए पर न्याय के लिए लोगों से सड़कों पर उतर संघर्ष करने का आह्वान कर रहे हैं. इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने अदालत में भाषण की ट्रांस स्क्रिप्ट पेश करने को कहा. हर्ष मंदर के वकील के इंकार करने पर अदालत ने दो टूक कह दिया कि भाषण की स्थिति साफ होने तक वह याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे. कुछ याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अगली सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी गई.

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'सड़कों पर संघर्ष से मिलेगा इंसाफ'
दिल्ली हिंसा मामले में कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर के खिलाफ एफआईआर की मांग से जुड़ी याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई शुरू हुई. सुनवाई शुरू होते हैं सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने एक याचिकाकर्ता हर्ष मंदर के वायरल भाषण की जानकारी कोर्ट को दी. उन्होंने कहा इसके तहत हर्ष मंदर ने कहा है कि यह सिर्फ एक संयोग है कि हम भारतीय है. हमने सुप्रीम कोर्ट का ट्रैक रिकॉर्ड देखा है. अंततः हमे इंसाफ सड़क पर ही संघर्ष कर मिलेगा. इस पर जस्टिस गवई ने हर्ष मंदर के भाषण की ट्रांसस्क्रिप्ट की मांग की.

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भाषण पर जारी होगा नोटिस
तुषार मेहता ने कहा कि अगर कोर्ट चाहे तो वह याचिकाकर्ता हर्ष मंदर की स्पीच को कोर्ट में चला सकते हैं. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने भाषण की ट्रांस स्क्रिप्ट मांगी. इस पर हर्ष मंदर के वकील ने इससे इंकार करते हुए कहा कि ऐसी स्पीच के लिए उन्हें कोई नोटिस भी नहीं मिला है. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम यह साफ कर देना चाहते है कि हम नोटिस जारी करेंगे और जब तक आपके भाषण को लेकर स्थिति साफ नहीं हो जाती, तब तक हम आपको नहीं सुनेंगे. आपके बजाए हम दूसरे याचिकाकर्ताओं को सुनेंगे.

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'चुनिंदा मामलों में एफआईआर ठीक नहीं'
हर्ष मंदर के वकील ने फिर से सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सुनने का आग्रह किया, लेकिन कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जब तक भाषण को लेकर कोर्ट आश्वस्त नहीं होता उनकी अर्जी पर सुनवाई नहीं होगी. इसके बाद अदालत ने दूसरे याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई शुरू कर दी. अदालत ने सॉलिसीटर जनरल से पूछा कि आपने भड़काऊ भाषण के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि माहौल एफआईआर के लिए उपयुक्त नहीं है. ऐसे में क्या अब माहौल एफआईआर के लिए ठीक है? इस पर सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि भड़काऊ भाषण दोनो तरफ के लोगों की ओर से हुए हैं. ऐसे में इस माहौल में कुछ चुनिंदा मामलों पर एफआईआर नहीं हो सकती है.

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दंगों पर सीजेआई ने कही बड़ी बात
सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि हम मौके को देखते हुए ज़रूरी कार्रवाई कर रहे हैं पर इनकी मंशा सिर्फ तीन नेताओं के खिलाफ एफआईआर करने की है.
इसी बीच चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि दंगों का हमें भी अनुभव है. कई बार नेताओं की तुरंत गिरफ्तारी से भी हिंसा भड़कती है. 1993 में मुंबई में शाखा प्रमुखों को गिरफ्तार किया गया और उसके बाद हिंसा भड़क गई थी. सीजेआई ने कॉलिन गोंजाल्विस से कहा कि हम मानते हैं कि कपिल मिश्रा के भाषण भड़काऊ हैं, लेकिन आपकी आपत्ति हाईकोर्ट के किस आदेश पर है. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि हाईकोर्ट द्वारा 13 अप्रैल तक सुनवाई टालना सही नहीं है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हाईकोर्ट से शुक्रवार को सुनवाई के लिए कह सकते हैं.