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अयोध्या में विवादित स्थल पर नमाज पढ़ने की मांग वाली याचिका खारिज, याचिकाकर्ता को लगा 5 लाख रुपये का जुर्माना

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इस याचिका को 'पब्लिक स्टंट' बताकर खारिज करते हुए याचिका दायर करने वाले अल रहमान ट्रस्ट पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

Updated on: 20 Dec 2018, 05:09 PM

लखनऊ:

अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के विवादित स्थल पर नमाज पढ़ने की अनुमति मांगने वाली याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया. हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इस याचिका को 'पब्लिक स्टंट' बताकर खारिज करते हुए याचिका दायर करने वाले अल रहमान ट्रस्ट पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

जस्टिस डी.के. अरोड़ा और जस्टिस आलोक माथुर की बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया. अल रहमान चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी शरीफ ने याचिका दाखिल की थी. याचिका में मुसलमानों को विवादित ढांचे की जगह पर नमाज पढ़ने की अनुमति की मांगी गई थी.

याचिका में कहा गया था कि याची और मुसलमानों को विवादित ढांचे की जगह पर नमाज पढ़ने की अनुमति दी जानी चाहिए. यह जगह फैजाबाद (अब अयोध्या) जिले की सदर तहसील अयोध्या स्थित मोहल्ला कोट रामचंद्र में है.

इसमें प्लॉट संख्या 159, 160 समेत रामजन्म भूमि-बाबरी परिसर के एक तिहाई हिस्से शामिल हैं. याचिका में केंद्र व राज्य सरकार सहित फैजाबाद के मंडलायुक्त , रिसीवर और जिलाधिकारी को भी पक्षकार बनाया गया था.

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प्रदेश सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता श्रीप्रकाश सिंह ने याचिका का कड़ा विरोध किया. श्रीप्रकाश सिंह ने कहा कि इस विवादित स्थल का मसला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है, ऐसे में इस प्रकार की याचिका दायर नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि विवादित स्थल पर यथास्थिति कायम रखने का आदेश पहले से चला आ रहा है.