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पीएम नरेंद्र मोदी( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) से पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को बड़ी राहत मिली है. उच्च न्यायालय ने वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया. इलाहाबाद हाई कोर्ट में यह याचिका सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) की ओर से दायर की गई थी.
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लोकसभा चुनाव 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी से चुनाव लड़ा. समाजवादी पार्टी ने उनके खिलाफ अपने उम्मीदवार तेज बहादुर यादव को मैदान में उतारा था, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी ने उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया, जिसके कारण तेज बहादुर चुनाव नहीं लड़ सके थे. वाराणसी के जिला रिटर्निंग अधिकारी ने तेज बहादुर यादव को यह प्रमाण पत्र जमा करने को कहा गया था कि उन्हें भ्रष्टाचार या बेइमानी की वजह से तो नहीं हटाया गया, लेकिन यह प्रमाण देने में विफल रहने पर एक मई, 2019 को उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था.
Allahabad High Court dismisses a petition challenging the election of Prime Minister Narendra Modi from Varanasi constituency. pic.twitter.com/RddISeH62s
— ANI UP (@ANINewsUP) December 6, 2019
इस पर तेज बहादुर यादव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में पीएम नरेंद्र के चुनाव को चुनौती दी. उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि वाराणसी के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा गलत ढंग से उनका नामांकन पत्र खारिज किया गया है, जिसके परिणाम स्वरूप वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सके जो उनका संवैधानिक अधिकार है. उन्होंने अदालत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी से बतौर सांसद निर्वाचन अवैध घोषित करने का अनुरोध किया था. यादव ने दलील दी थी कि चूंकि मोदी ने नामांकन पत्र में अपने परिवार के बारे में विवरण नहीं दिया है, इसलिए उनका नामांकन पत्र भी रद्द किया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया.
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हाई कोर्ट ने वकीलों की दलील सुनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी को बड़ी राहत दी. कोर्ट ने तेज बहादुर यादव की याचिका खारिज कर दी. बता दें कि याचिकाकर्ता के वकील की यह दलील सुनने के बाद कि नामांकन खारिज करने से पहले उनके मुवक्किल को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया. इस पर न्यायमूर्ति एमके गुप्ता ने यह नोटिस जारी किया था. उल्लेखनीय है कि कई निर्वाचित सांसदों के चुनावों को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गई हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो
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