इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक आदेश में 350 किलो गांजा रखने के आरोप में गिरफ्तार एक आरोपी को जमानत दे दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ की पीठ ने कलीम नाम के एक व्यक्ति की जमानत याचिका पर दिया।
आरोपी 18 जनवरी 2019 से जेल में था।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने भारी मात्रा में प्रतिबंधित सामग्री के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।
इस संबंध में अयोध्या जिले में जनवरी 2019 में एनसीबी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर करते हुए, आरोपी ने दलील दी थी कि योजनाबद्ध तरीके से उसकी गिरफ्तारी की गई थी। वह निर्दोष है।
उसने यह भी निवेदन किया गया कि गांजे की बरामदगी का कोई स्वतंत्र गवाह नहीं था।
आरोपी ने कहा कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 50 के प्रावधानों का कोई अनुपालन नहीं किया गया था।
उसने अदालत को यह भी आश्वासन दिया कि अगर उसे जमानत पर रिहा किया गया तो वह जमानत की स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेगा।
जमानत याचिका का विरोध करते हुए, एनसीबी के वकील ने कहा कि मामले के प्री ट्रायल फेज में बेगुनाही का फैसला नहीं किया जा सकता है।
एनसीबी ने कहा कि अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो उसके फिर से इसी तरह की गतिविधि में शामिल होने की संभावना है। हालांकि कोर्ट ने एनसीबी की दलील सुनने के बाद आरोपी को जमानत दे दी।
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Source : IANS