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महर्षि पतंजलि थे योग के जनक, जानिए कैसे हुई शुरूआत

शरीर के लचीलेपन की बात हो य़ा वजन घटाने की, योग लोगों की पहली पंसद बनता जा रहा है।

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Aditi Singh
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महर्षि पतंजलि थे योग के जनक, जानिए कैसे हुई शुरूआत

साभार: योग शिखर

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योग लोगों के बीच काफी पॉपुलर है। चाहे शरीर के लचीलेपन की बात हो य़ा वजन घटाने की, योग लोगों की पहली पंसद बनता जा रहा है। इसकी सबसे अच्छी बात ये होती है कि इसे घर के कोने में भी किया जा सकता है और किसी क्लास में भी।

योग तनाव को दूर करने में भी मददगार होता है। एक बार योग करने का अभ्यास हो जाए तो बॉडी को शेप में रखने के लिए इससे बेहतर कोई तरीका नहीं होता है। योग आपको आध्यात्म से भी जोड़ता है। महर्षि पतंजलि को योग का जनक यानि पिता कहा जाता है।

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योग की उत्पत्ति
योग को भारत के स्वर्ण युग करीब 26,000 साल पहले की देन माना जाता है। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत धातु 'युज' से निकला है, जिसका अर्थ व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन होता है। योग को हिंदु धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है योगसूत्र को महर्षि पतंजलि ने 200 ई. पूर्व लिखा था। इस ग्रंथ पर अब तक हजारों भाषा में लिखा जा चुका हैं।

योग हिन्दू धर्म के छह दर्शनों में से एक है। अगर आप अच्छे से पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि योग का ध्यान के साथ संयोजन होता है। योग बौद्ध धर्म में भी ध्यान के लिए अहम माना जाता है। योग का संबंध इस्लाम और ईसाई धर्म के साथ भी होता है।

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आज के दौर में योग सिर्फ ध्यान के लिए ही नहीं बल्कि शारीरिक लाभ के लिए लोगों के बीच ज्यादा पापुलर है। शारीरिक लाभ के अलावा ये लोगों को मानसिक शांति प्रदान करता है।

कौन थे महर्षि पतंजलि
महर्षि पतंजलि ने योग के 195 सूत्रों को प्रतिपादित किया, जो योग दर्शन के स्तंभ माने गए। इन सूत्रों के पाठन को भाष्य कहा जाता है। पतंजलि ही पहले और एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने योग को आस्था, अंधविश्वास और धर्म से बाहर निकालकर एक सुव्यवस्थित रूप दिया था।

महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग की महिमा को बताया, जो स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण माना गया। महर्षि पतंजलि ने द्वितीय और तृतीय पाद में जिस अष्टांग योग साधन का उपदेश दिया है, उसके नाम इस प्रकार हैं- 1. यम, 2. नियम, 3. आसन, 4. प्राणायाम, 5. प्रत्याहार, 6. धारणा, 7. ध्यान और 8. समाधि। उक्त 8 अंगों के अपने-अपने उप अंग भी हैं। वर्तमान में योग के 3 ही अंग प्रचलन में हैं- आसन, प्राणायाम और ध्यान।

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योग के फायदे
मानव जीवन में योग के कई फायदे होते हैं, हालांकि इससे सभी बीमारियों का इलाज नहीं किया जा सकता। योग आपके लाइफस्टाइल को संतुलन में लाने में मदद करता है। ये आपकी शारीरिक क्रियायों पर नियंत्रण करने में मददगार साबित होता है। योग थकान को दूर करके शरीर में एनर्जी लाता है। योग से शरीर के सभी अंगों की एक्सरसाइज हो जाती है, यह शरीर पुष्ट, स्वस्थ एवं सुदृढ़ बनता है।

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कैसे करे शुरूआत
योग करने की शुरूआत सावधानीपूर्वक करनी चाहिए। अगर योग की सही मुद्रा का अभ्यास नहीं किया गया तो यह नुकसान भी पंहुचा सकता है। योग करने के लिए सही जगह का चुनाव और कपड़ों के साथ-साथ किसी ट्रेनर का होना जरूरी होता है।

हठयोगा, विनयासा योग, बिक्रम योग, अष्टांग योग, आयंगर योग, जीवमुकि्त और कुंडलिनी योग मुख्य आसन माने जाते है।

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Source : Aditi Singh

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