दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार के बाद से आम आदमी पार्टी (AAP) में घमासान मच गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र कहे जाने वाले कपिल मिश्रा से पर्यटन और जल संसाधन समेत सभी मंत्रालय छीन कर उनकी पार्टी कैबिनेट से छुट्टी कर दी गई है।
भले ही दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मिश्रा को हटाए जाने की वजह दिल्ली में खराब जल प्रबंधन बताये। लेकिन कुछ दिनों से पार्टी में जारी अंतर्कलह से कोई भी अछूता नहीं रहा है। आइए आज हम आपको बताते हैं कौन हैं कपिल मिश्रा और केजरीवाल से कैसी थी उनकी केमिस्ट्री।
1. करावल नगर सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक एवं जल बोर्ड के पूर्व वाइस चेयरमैन रहे कपिल मिश्रा दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री भी रह चुके हैं। 34 साल वर्षीय कपिल का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प रहा है।
2. कपिल मिश्रा ईस्ट एमसीडी से बीजेपी की मेयर रह चुकीं अन्नपूर्णा मिश्रा के बेटे हैं। परिवार की राजनीतिक विचाराधारा से इतर कपिल ने विचारों की दूसरी धारा अपनाई। खबरों की मानें तो ऐसा कहा जाता है कि आम आदमी पार्टी में आते ही कपिल मिश्रा ने खुद को इसके लिए समर्पित कर दिया और इसी के साथ ही वह अरविंद केजरीवाल के चहेते विधायकों में शुमार हो गए।
3. मुख्य धारा की राजनीति में आने से पहले कपिल 'यूथ ऑफ जस्टिस' नाम के संगठन के को-फाउंडर रहे। इस संगठन की ओर से उन्होंने जेसिका लाल मर्डर केस से लेकर किसानों की समस्याओं के मुद्दों पर कई विरोध प्रदर्शन किए। उन्होंने कॉमनवेल्थ खेलों में डेवलपमेंट के नाम पर हो रह धांध्ली पर'इट्स कॉमन वर्सेज वेल्थ' नाम की किताब भी लिखी है। कपिल के पास एमनेस्टी इंटरनेशनल और ग्रीनपीस जैसे अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ में काम करने का अनुभव भी है।
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4. कपिल मिश्रा का कानून की डिग्री से कोई नाता नहीं है। उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क से मास्टर्स किया हैं। 2013 के दिल्ली चुनावों में जब AAP को 28 सीटें मिली थीं, कपिल मिश्रा उस समय करावल नगर सीट से चुनाव हार गए थे। लेकिन 2015 के चुनाव में उन्होंने चार बार से लगातार जीत रहे बीजेपी के मोहन सिंह को 40 हजार से भी ज्यादा वोटों से मात देकर सबको एकाएक चौंका दिया था।
5. कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के साथ उनके एनजीओ 'परिवर्तन' के साथ-साथ अन्ना आंदोलन में भी अपनी अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के खिलाफ पार्टी के भीतर चले कैंपेन में भी कपिल आगे रहे।
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6. वहीं दूसरी ओर दोनों नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर करने का फैसला लेने के लिए जो बैठक हुई थी, उसमें कपिल अपने समर्थकों की भारी भीड़ लेकर पहुंचे थे। कपिल के समर्थक वहां 'गद्दारों को बाहर करो' के नारे लगाते नजर आए। इन घटनाओं के बाद से मीडिया में ऐसी खबरें आने लगी थी कि कपिल केजरीवाल का दांया हाथ हैं, जिन पर वह आंखें मूंदकर विश्वास करते हैं।
7. 23 फरवरी को शपथ ग्रहण समरोह में कपिल एकमात्र ऐसे विधायक थे जिन्होंने अपनी शपथ संस्कृत में ली थी। उनका कहना है कि देश मे संस्कृत की जड़ें काफी गहरी हैं। कपिल मिश्रा का परिवार मूलतः उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से ताल्लुक रखता है और वह अपने परिवार के साथ दिल्ली के यमुना विहार इलाके में रहते है।
8. 8 साल पहले 'यमुना सत्याग्रह' के पक्ष में जब वह दिल्ली विधानसभा से 'यमुना बचाओ' के नारे लगा रहे थे, तब मार्शलों ने उन्हें पकड़कर बाहर कर दिया था। लेकिन वक्त ने ऐसी करवट ली कि वह उसी विधानसभा में कानून मंत्री के पद पर काबिज हुए।
ये बताया हमने आपको कपिल मिश्रा के बारें में और अरविंद केजरीवाल से उनकी केमिस्ट्री के बारें में।
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HIGHLIGHTS
- आम आदमी पार्टी में बड़ी फूट, कपिल मिश्रा केजरीवाल के खिलाफ खोल सकते हैं मोर्चा
- केजरीवाल के बेहद करीबी रह चुके हैं कपिल मिश्रा, कैबिनेट से हटाये जाने के बाद हैं नाराज
- रविवार को प्रेस कांफ्रेंस करेंगे कपिल मिश्रा, भ्रष्टाचार पर करेंगे कई खुलासे
Source : News Nation Bureau