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व्यापमं के एक और आरोपी की मौत, जानिए क्या है पूरा घोटाला

मध्य प्रदेश के व्यापमं भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक प्रवीण यादव ने मुरैना में अपने घर में खुदकुशी कर ली।

Updated on: 26 Jul 2017, 02:58 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश के व्यापमं भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक प्रवीण यादव ने मुरैना में अपने घर में खुदकुशी कर ली। ये देश के अबतक के बड़े घोटालों में से एक माना जाता है। इस घोटाले की जांच के दौरान इससे जुड़े करीब 50 लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है। फिलहला एसआईटी के बाद सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी गई है। 10 प्वाइंट में जानिए आखिर क्या है व्यापमं घोटाला

1. मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) का मुख्य काम राज्य में मेडिकल टेस्ट (पीएमटी), इंजीनियरिंग, प्रवेश परीक्षा और बेरोजगार युवकों की नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन कराना था। आरोप है कि इसमें पैसे लेकर और भ्रष्टाचार कर रेवड़ियों की तरफ अयोग्य लोगों को नौकरिया बांटी गई।

2.व्यापमं में घोटाले का खुलासा उस वक्त हुआ जब साल 2016 में पुलिस ने कुछ फर्जी छात्रों को एमबीबीएस की भर्ती परीक्षा से गिरफ्तार किया था। आरोपियों से पूछताछ के दौरान बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ जो व्यापमं के जरिए फर्जीवाड़ा कर छात्रों को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करवाया जाता था।

3. इस फर्जीवाड़े में आरोपियों से पूछताछ के बाद डॉ जगदीश सागर का नाम सामने आया था जिन्हें रैकेट का सरगना भी माना जाता है। सागर पर आरोप था कि वो फैसे लेकर व्यापमं में सांठ-गांठ के जरिए फर्जी तरीके से लोगों का एडमिशन करवाता था।

4. डॉ जगदीश शर्मा की गिरफ्तारी के बाद इस रैकेट से जुड़े कई बड़े नामों का खुलासा हुआ जिसमें मंत्री से लेकर अधिकारी और चपरासी से लेकर कलर्क तक के इसमे शामिल होने की बात सामने आई। इसे काले धंधे का मुख्य केंद्र भी व्यापमं का ऑफिस ही था।

5.पूछताछ में ये बात सामने आई कि परिवहन विभाग में कंडक्टर पद के लिए 5-7लाख, फूड इंस्पेक्टर के लिए 25-30 लाख, और सब इस्पेक्टर की भर्ती के लिए 15 से 22 लाख रुपये तक वसूले जाते थे।

6. 16 जून 2014 को इस मामले में सबसे बड़ी गिरफ्तारी मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के रूप में हुई थी। लक्ष्मीकांत शर्मा ही व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के उसवक्त मुखिया थे। उनपर आरोप है कि उन्हीं के देखरेख में फर्जी लोगों को नौकरियां दी जा रही थी। लक्ष्मीकांत शर्मा पर अपने रसूख का इस्तेमाल कर अयोग्य लोगों को भी नौकरी दिलवाने का आरोप था।

7. इस मामले में अरविंदो मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ विनोद भंडारी और व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज त्रिवेदी की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। पूर्व मंत्री ओपी शुक्ला को घोटाले के पैसों के साथ गिरफ्तार किया गया था।

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8. पूछताछ के बाद ये साफ हुआ कि व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज त्रिवेदी सीधे लक्ष्मीकांत शर्मा के आवास पर जाते थे जहां उन्हें फर्जीवाड़े के कैंडीडेट की लिस्ट और रोल नंबर मिलते थे। फर्जी छात्रों को परीक्षा में बिठाने के लिए थंब इंप्रेशन मशीन और ऑनलाइन फॉर्म की व्यवस्था को भी खत्म कर दिया था।

9. मध्य प्रदेश के इस सबसे बड़े घोटाले में राज्यपाल रामनरेश यादव और उनके बेटे शैलेश यादव के भी शामिल होने के आरोप लगे थे। शैलेश यादव की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी।

10. इस घोटाले की आंच राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर तक भी पहुंची थी। शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना पर अपने रिश्तेदारों को गलत तरीके से नौकरी दिलवाने के आरोप लगे थे। हालांकि इन आरोपों को शिवराज सिंह चौहान ने नकार दिया था।

व्यापमं मामले की अभी सीबीआई जांच चल रही है और इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी हो चुकी है।

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