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जल्द शुरू होगा NPR का काम, मोदी सरकार ने सभी राज्यों के लिए जारी की अधिसूचना

सरकार के सूत्रों के मुताबिक सभी राज्यों ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) की फिर से अधिसूचना जारी कर दी है.

Updated on: 16 Jan 2020, 06:52 AM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार के कैबिनेट ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR)को पिछले साल दिसंबर में मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार ने 10 जनवरी 2020 से यह संशोधित कानून को लागू कर दिया है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक सभी राज्यों ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) की अधिसूचना जारी कर दी है. वहीं केरल और पश्चिम बंगाल ने केंद्र सरकार को एनपीआर पर फिलहाल रोक लगाने के लिए बातचीत की है.

पश्चिम बंगाल और केरल ने नेशनल पापुलेशन रजिस्टर पर कुछ आपत्ति बताई है और रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया को इसकी जानकारी मिली है, बाकी सारे राज्यों ने नेशनल पापुलेशन रजिस्टर की प्रक्रिया को नोटिफाई कर दिया है.

3 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर बाकी सभी राज्यों ने एनपीआर प्रक्रिया को अधिसूचित किया है. एनपीआर करने के लिए तिथियां अधिसूचित या आरजीआई को सूचित की गई हैं. पश्चिम बंगाल और केरल ने आरजीआई को सूचित किया है कि उन्होंने एनपीआर की कुछ कार्रवाई को अभी रोका हुआ है. हालांकि, एक सूत्र ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि एनपीआर को पूरी तरह खारिज कर दिया गया है.

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मांगी जाएंगी ये जानकारी 

-सेंसस 2021 शुरू होने के बाद पहले चरण में हाउसहोल्ड को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. पहला फेज 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक के बीच में किया जाएगा जिसका नाम हाउसहोल्ड लिस्टिंग है.

-सेंसस के पहले चरण में हाउसहोल्ड स्पेसेफिक होंगे न कि इंडिविजुअल स्पेसेफिक. जिसमें घर का मुखिया कौन है, घर में कौन-कौन सी सुविधा है, कितने लोग हैं,ऐसे सवाल होंगे.

-2021 सेंसस में डिफिकल्ट एरिया में सरकारी नुमाइंदे हेलीकाप्टर से भी जाएंगे, हालांकि पिछली बार 2011 के सेंसस में भी इसका इस्तेमाल हुआ था, लेकिन इस बार विस्तृत तरीके से इसका इस्तेमाल होगा.

-हाउसलिस्टिंग प्रक्रिया जो कि पहले चरण की है उसमें 31 टॉपिक कवर करते हुए 34 सवाल होंगे.

-घर में इंटरनेट है या नहीं, मेल- फीमेल या ट्रांसजेंडर कौन घर का मुखिया होगा, सोर्स आफ ड्रिंकिंग वाटर पैकेज या सप्लाई है, ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो पहली सेंसस के पहले चरण में पूछे जाएंगे.

-इसके अलावा ये भी सवाल पहली बार पूछे जाएंगे घर में मौजूद शौचालय कंबाइन्ड हैं या सिर्फ इसी घर के लिए. घर के मालिक का कहीं और घर है. किचन में एलपीजी कनेक्शन है या नहीं और मेन सोर्स आफ कुकिंग एनर्जी क्या है. रेडियो या टीवी किस डिवाइस पर उपयोग किया जा रहा है मोबाइल या किसी और पर. टीवी डीटीएच या किससे कनेक्टेड है. बैंक अकाउंट के बारे में हर इंडिविजुअल से पूछा जाएगा, घर में मोबाइल नंबर देना चाहें दो दे तो घर के लोग दे सकते हैं.

-पहली बार ये डिजिटल सेंसस होगा जिसमें मोबाइल के जरिए डेटा गणना के अधिकारी ले सकेंगे. डिजिटल सेंसस होगा. सेंसस के लिए विशेष ऐप 2020 ऐप अधिकारियों के पास होगा जिसका वो इस्तेमाल करेंगे. खास ऐप सरकार ने विकसित किया है जो गणना अधिकारियों को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करना होगा.

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चार फेज में ट्रेनिंग होगी नेशनल ट्रेनर, मास्टर ट्रेनर, फील्ड ट्रेनर और इन्यूमिनेटर इन चार स्तर पर गणना अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसमें नेशनल ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है
पहले चरण में 30 लाख कर्मचारी इस काम में करेंगे. पिछली बार 26 लाख लोग लगे थे. पिछली बार एनपीआर को छोड़कर गणना अधिकारी को 5,500 मिले थे. इस बार गणना करनेवाला अधिकारी हाउसलिस्टिंग,सेंसस का काम और नेशनल पापुलेशन रजिस्टर का काम करेगा तो उसे 25000 मिलेंगे.

-एनपीआर में कोई बायोमेट्रिक नहीं मांगा जा रहा है कोई सबूत नहीं मांगा जाएगा.

-एनपीआर में गणना अधिकारी आधार नंबर, मोबाइल नंबर, पैन कार्ड नंबर, डीएल नंबर यदि हाउसहोल्ड के पास है तो मांगेंगे, सिर्फ जानकारी मांगी जाएगी, कागज नहीं मांगे जाएंगे.

-सेंसस और एनपीआर पहले चरण के फार्म में हाउसहोल्ड को ये बताना होगा कि जो जानकारी उन्होनें दी है वो सही होगी.

-पैन नंबर अभी कलेक्ट नहीं किया जायेगा हालांकि प्रीटेस्ट में लिया गया था.

-अभी मातृभाषा का सवाल भी शामिल किया गया है.

-रिलेशनशिप का कॉलम भी होगा जिसमें हाउसहोल्ड ओनर के साथ ऐड करना होगा.

-73 डिस्ट्रिक्ट में प्रीटेस्ट हुआ था.

-एनपीआर और सेंसस का फार्म अलग अलग है.