लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मादक पदार्थों के सेवन को पूरे भारत की समस्या बताते हुए सांसदों और विधायकों समेत देश के सभी जनप्रतिनिधियों से नशामुक्त भारत बनाने के लिए कार्य करने की अपील की।
सिक्किम की राजधानी गंगटोक में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ, इंडिया रीजन, जोन-3 के 19वें सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद बिरला ने कहा कि मादक पदार्थों की समस्या से सारे देश की जनता चिंतित है क्योंकि हमारे युवा ही हमारे भविष्य हैं। मादक पदार्थों के सेवन के कारण हमारी नौजवान पीढ़ी पर असर पड़ रहा है। यह मात्र पूर्वोत्तर क्षेत्र की ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की समस्या है। उन्होंने बताया कि संसद में भी इस विषय पर 20 और 21 दिसंबर 2022 को विस्तृत चर्चा हुई थी जिसमे पक्ष और विपक्ष के 53 सांसदों ने हिस्सा लिया था। जिसमें यह बात निकल कर सामने आई कि सांसद पूरे देश के अंदर व्यापक जन जागरण अभियान चलाकर युवाओं में मादक पदार्थों के सेवन की बढ़ती समस्या को समाप्त करने के लिए सामूहिकता की भावना से कार्य करेंगे और नशामुक्त भारत बनाने के लिए कार्य करेंगे। उन्होंने देश के सभी जनप्रतिनिधियों से नशामुक्त भारत बनाने के लिए कार्य करने की अपील की।
साइबर बुलिंग को भी बड़ी समस्या बताते हुए बिरला ने कहा कि इससे हमारे किशोर और नौजवान प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए साइबर बुलिंग पर ऐसे कानून बनने की जरूरत है जिनसे सभी नागरिकों की सुरक्षा एवं संरक्षा हो।
सदन के अंदर चर्चा और संवाद की जरूरत पर जोर देते हुए बिरला ने कहा कि, चर्चा संवाद ही हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति है। हमारे विधानमंडल मर्यादित चर्चा संवाद के केंद्र हों, सदन के अंदर अधिकतम समय का उपयोग जनहित के विषयों पर विचार के लिए हो, कोई व्यवधान ना हो, उसी दशा में हमारी जनता की लोकतंत्र में, लोकतांत्रिक संस्थाओं में आस्था बढ़ेगी, और हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा।
लोक सभा अध्यक्ष ने देश की सभी विधायिकाओं को एक लेजिस्लेटिव प्लेटफॉर्म पर लाने पर जोर देते हुए कहा, प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में सभी विधायिकाओं को एक लेजिस्लेटिव प्लेटफॉर्म पर लाने का संकल्प लिया गया था। असम विधान सभा ने नेशनल ग्रिड को अपनाने की स्वीकृति दे दी है। मैं अन्य राज्यों से भी आग्रह करता हूं कि वे इस विचार को शीघ्र अपनाएं ताकि वन नेशन, वन लेजिस्लेटिव प्लेटफॉर्म की संकल्पना को साकार किया जा सके।
बिरला ने उत्तर पूर्वी राज्यों की आर्थिक क्षमता और इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए मोदी सरकार की नीतियों का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत रही है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के विकास को देश के बाकी राज्यों के बराबर लाया जा सके। इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास की गति को तेज किया जाए। इसी विजन के आधार पर इस क्षेत्र को रेल, रोड एवं एयर कनेक्टिविटी देने के लिए प्रोजेक्ट्स पर काम किया जा रहा है। वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में एक विकासशील एवं सशक्त पूर्वोत्तर क्षेत्र की नींव रखी गई है। इससे न केवल रोजगार के अवसर सृजित होंगे बल्कि पर्यटन और मूलभूत ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के साथ-साथ क्षेत्र के युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विशिष्टता को कायम रखते हुए यहां सामाजिक आर्थिक विकास किया जाए।
आपको बता दें कि, इस दो दिवसीय सम्मलेन में तीन महत्वपूर्ण मुद्दों- मादक पदार्थों का सेवन और इस समस्या से निपटने हेतु भावी योजना, संसद और विधानसभाओं को जनता एवं नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाना और साइबर बुलिंग पर व्यापक चर्चा होनी है।
उद्घाटन कार्यक्रम में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश, अरुणाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष और सीपीए भारत क्षेत्र जोन-3 के अध्यक्ष पासंग डी. सोना, सिक्किम विधान सभा के अध्यक्ष अरुण कुमार उप्रेती, भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारी, संसद सदस्य, सिक्किम विधानमंडल के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।
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Source : IANS