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संसद के शीतकालीन सत्र से पहले 28 नवंबर को होगी सर्वदलीय बैठक 

सत्रहवीं लोकसभा का सातवां संसद सत्र सोमवार 29 नवंबर से शुरू होगा और इसके समाप्त होने की संभावना 23 दिसंबर तक है.

Updated on: 22 Nov 2021, 06:20 PM

highlights

  • संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा
  • 28 नवंबर यानि रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी है
  • कृषि कानूनों की वापसी के बाद विपक्ष संसद में सरकार को घेर सकती है

नई दिल्ली:

29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है. इससे एक दिन पहले 28 नवंबर यानि रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी है. सर्वदलीय बैठक सुबह 11 बजे होगी. ऐसा माना जा रहा है कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं. सर्वदलीय बैठक में सत्तारूढ़ दल संसद के शीतकालीन सत्र को ठीक ढंग से संचालित करने के लिए विपक्षी दलों से चर्चा करेगा. लेकिन अभी पीएमओ की तरफ से बैठक में प्रधानमंत्री के शामिल होने या न होने की औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है.

सत्तापक्ष शीतकालीन सत्र में संसद में हंगामे की आशंका के चलते सर्वदलीय बैठक हुला रहा है. इस सत्र में विपक्ष कृषि कानून, एमएसपी और महंगाई, विपक्षी दलों के नेताओं पर छापे जैसे मुद्दे उठा सकता है. 

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसबंर तक चलेगा. लोकसभा सचिवालय के एक आधिकारिक विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि सत्रहवीं लोकसभा का सातवां संसद सत्र सोमवार 29 नवंबर से शुरू होगा और इसके समाप्त होने की संभावना 23 दिसंबर तक है.

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कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब विपक्षी दल और किसान एमएसपी के मुद्दे पर सरकार से सवाल कर रहे हैं. कृषि कानूनों की वापसी के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों को खुला पत्र लिखकर कहा था कि किसान भाइयों अभी संघर्ष खत्म नहीं हुआ है, एमएसपी का मुद्दा अभी भी पहले जैसा है. किसानों की मांग के साथ साथ विपक्ष लगातार बढ़ती मंहगाई पर भी सरकार को घेरने का प्लान बना रही है.

संसद का मानसून सत्र विवादास्पद कृषि कानूनों के साथ साथ दूसरे कई मुद्दों को लेकर विपक्ष के शोर-शराबे और हंगामें की बलि चढ़ गया था. पिछले हफ्ते, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में लगातार हो रहे हंगामें और व्यवधान का मुद्दा भी उठाया था. उन्होंने विधायकों को आत्म अनुशासन विकसित करने के लिए राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करने की अपील की थी. माना जा रहा है कि विपक्ष इस संसद सत्र में ईडी और सीबीआई निदेशकों के कार्यकाल को बढ़ाने पर भी चर्चा कर सकता है.