संसद का शीतकालीन सत्र के एक दिन पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस बैठक में किसी कारणवश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं हो पाए. सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा में सदन के नेता मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी मौजूद थे. सर्वदलीय बैठक में ज्यादातर विपक्षी दलों ने महंगाई जासूसी मामला, बेरोजगारी, कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग की है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों के साथ रचनात्मक बातचीत हुई है. हम सदन चलाना चाहते हैं. सार्थक बहस चाहते हैं.
वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खरगे ने कहा कि 15 से 20 विषयों पर चर्चा हुई है. केंद्र सरकार से कहा है कि एमएसपी और इलेक्ट्रिक बिल पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. इसके अलावा एमएसपी पर कानून बनना चाहिए.
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कांग्रेस नेता खरगे ने आगे कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि कोरोना महामारी के दौरान मारे गए लोगों के परिवार वालों को चार लाख का मुआवजा मिले. हमने सर्वदलीय बैठक में खेती कानून, महंगाई, एमएसपी पर गारंटी, कोविड जैसे मुद्दों को उठाया है. सभी विपक्षी दलों की मांग है कि एमएसपी पर गारंटी होनी चाहिए.
सर्वदलीय बैठक में 31 सियासी दल शामिल
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि 31 राजनीतिक दलों के 42 नेता सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए. सरकार हर उस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. जिसे स्पीकर ने मंजूरी दी है.
सरकार ने कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकारी विधेयक को सोमवार को सत्र के पहले दिन लोकसभा में पेश करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस बिल को सदन में पेश करेंगे. सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने सांसदों को उस दिन उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है.
HIGHLIGHTS
- कांग्रेस ने मांगा कोरोना से मारे गए लोगों के परिजनों को चार लाख का मुआवजा
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए
- 31 राजनीतिक दलों के 42 नेता सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए