स्टैनफोर्ड यूनिवर्सटी के अध्ययन द्वारा की गई संयुक्त सिफारिशों के आधार पर देश में छात्र अध्ययन आकलन (परख) कार्यक्रम को शुरू किया जा रहा है। वहीं प्रशिक्षित तकनीकी शिक्षकों का एक बड़ा समूह तैयार करने के उद्देश्य से शिक्षक प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय अभियान (एनआईटीटीटी) के दायरे का विस्तार किया जा रहा है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने शनिवार को यह जानकारी दी।
एआईसीटीई ने राष्ट्रीय परियोजना अनुपालन इकाई (एनपीआईयू) और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सटी के अध्ययन द्वारा की गई संयुक्त सिफारिशों के आधार पर छात्र अध्ययन आकलन (परख) कार्यक्रम के को भी शुरू करने की घोषणा की है। यह पोर्टल उच्च शिक्षण संस्थानों और स्कूलों के छात्रों एवं शिक्षकों का मूल्याकंन करेगा।
पोर्टल में 1,45,000 से ज्यादा मूल्याकंन बिंदु हैं। इनमें मुख्य विषय, योग्यता, उभरते क्षेत्र और उच्च विचार कौशल शामिल हैं। पायलेट कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में, 80,000 से ज्यादा छात्रों ने पंजीकरण कराया और 55,000 ने मूल्याकंन पूरा किया। इसके अलावा, 1200 शिक्षकों ने भी मूल्याकंन किया है।
नए रूप में तैयार एनआईटीटीटी के एक हिस्से के रूप में, शिक्षकों को अब प्रशिक्षण अभ्यास के एक भाग में औद्योगिक प्रशिक्षण और एक सेमेस्टर-आधारित परामर्श देना होगा। इससे पहले, एनआईटीटीटी पांच साल से कम सेवा वाले शिक्षकों के लिए उपलब्ध था और इसकी शुरूआत देश में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
दोनों कार्यक्रमों की शुरूआत के संजय मूर्ति, सचिव, शिक्षा मंत्रालय, प्रोफेसर अनिल डी सहस्त्रबुद्धे, एआईसीटीई चेयरमैन, प्रोफेसर एमपी पुनिया, एआईसीटीई वाइस-चेयरमैन और प्रोफेसर राजीव कुमार, सदस्य सचिव, एआईसीटीई द्वारा की गई।
इस अवसर पर के संजय मूर्ति, सचिव, उच्च शिक्षा, शिक्षा मंत्रालय ने कहा, शिक्षकों और छात्रों के लिए दो अद्भुत पहलों की शुरूआत करने के लिए मैं एआईसीटीई को बधाई देता हूं और उनकी प्रशंसा करता हूं। यह साफ दिखाई देता है कि इन कार्यक्रमों को बहुत सोच-विचार कर तैयार किया गया है और मुझे पूरा भरोसा है कि इन पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत छात्रों एवं शिक्षकों को इनसे बहुत लाभ होगा। महामारी के कारण हम सभी वर्चुअल मोड में हैं और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों को लाइव क्लासरूम की कमी महसूस न हो।
प्रो. अनिल डी सहस्त्रबुद्धे, चेयरमैन, एआईसीटीई ने कहा, दो नई पहल शुरू करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है, जिससे छात्रों और शिक्षकों दोनों को बड़े पैमाने पर फायदा होगा। हम राष्ट्रीय शिक्षा निति को लॉन्च करने की तरफ बढ़ रहे हैं जिसमें शिक्षकों के प्रशिक्षण और शिक्षा क्षेत्र में शामिल कई प्रक्रियाओं पर बहुत अधिक जोर दिया गया है। शिक्षण एक जीवन भर सीखने वाली प्रक्रिया है और एनआईटीटीटी आज के शिक्षकों को कल के फैकल्टी प्रमुख बनने में मदद करेगा। छात्रों को भी समग्र विकास और वृद्धि के लिए परख के माध्यम से परीक्षा देने के लिए आगे आना चाहिए।
प्रो. एमपी पुनिया, वाइस-चेयरमैन, एआईसीटीई ने कहा, परख और एनआईटीटीटी दो महत्वपूर्ण पहल हैं, जिन्हें हमनें जोरदार ढंग से आगे बढ़ाने के लिए शुरू किया है। परख छात्रों को निरंतर अपना मूल्याकंन करने की सुविधा देता है, जो उन्हें अपने संस्थानों से बेहतर ढंग से पास होकर बाहर निकलने और देश की सेवा करने में मदद करेगा। हम छात्रों को महत्वपूर्ण सोच बढ़ाने और उच्च कौशल में अंतराल को भरने में मदद करने के लिए भी ऐसा कर रहे हैं। एनआईटीटीटी के लिए कार्यक्रम को शिक्षक प्रशिक्षण नीति के अनुसार तैयार किया गया है। यह दुनियाभर में पहला संरचित शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है।
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Source : IANS