मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पार्टी समन्वयक और संयुक्त समन्वयक के चयन के लिए अन्नाद्रमुक में आंतरिक चुनाव को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दी।
पार्टी के एक सदस्य, (जे जयचंद्रन) द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि पार्टी में आंतरिक चुनाव एक मनमाना तरीके से हुआ था, केवल ओ पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी को चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी गई थी।
मद्रास उच्च न्यायालय की पहली पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति पी.डी. आदिकेसवालु ने माना कि भारत के चुनाव आयोग की पार्टी के आंतरिक चुनाव में कोई भूमिका नहीं है और इसलिए याचिका के संबंध में चुनाव आयोग को कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता है।
याचिकाकर्ता जयचंद्रन चाहते थे कि अदालत याचिका का निपटारा होने तक चुनाव के नतीजे घोषित करने से रोके।
जयचंद्रन यह भी चाहते थे कि मद्रास उच्च न्यायालय चुनाव आयोग को पार्टी में समन्वयक और संयुक्त समन्वयक के नव निर्मित पदों को मंजूरी नहीं देने का निर्देश दें।
बता दें तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम और पलानीस्वामी समन्वयक और संयुक्त समन्वयक के रूप में पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। इसे याचिकाकर्ता द्वारा एक जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई थी, जिसे अदालत ने तुरंत खारिज कर दिया।
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Source : IANS