पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की अदालत के बाहर हुए हंगामे की घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम भेजने पर निशाना साधा।
अलीपुरद्वार में प्रशासनिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छुटपुट घटनाओं पर भी केंद्रीय टीम पश्चिम बंगाल की तरफ दौड़ पड़ती हैं। अगर कलकत्ता उच्च न्यायालय में कोई समस्या है, तो मुख्य न्यायाधीश इसे देखेंगे। पश्चिम बंगाल की बार काउंसिल है। हम यहां हैं। फिर दिल्ली से एक टीम क्यों भेजी गई?
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में पटाखे फोड़ने पर भी केंद्र को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम भेजने के लिए प्रेरित किया जाता है। लेकिन जब सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने कूच बिहार या दक्षिण दिनाजपुर में निर्दोष नागरिकों को गोली मार दी, तो केंद्र सरकार ने कोई निरीक्षण दल नहीं भेजा। मुख्यमंत्री ने पूछा- क्या आप उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार होने पर केंद्रीय दल भेजते हैं? क्या केंद्रीय दल तब आते हैं जब किसान भूखे मर जाते हैं ?
मुख्यमंत्री ने नाम लिए बगैर सभी सरकारी योजनाओं में उनकी (प्रधानमंत्री) तस्वीरों को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, एक ही चेहरा हर जगह हो सकता है। उन्होंने राशन दिया है। उन्होंने मकान दिए हैं। इसलिए मौत के मामले में भी उनका चेहरा होना चाहिए। वास्तव में उन्होंने हमें कोविड-19 दिया है। उन्होंने हमें नोटबंदी दी है। उन्होंने रसोई गैस की कीमत बढ़ा दी। आपको हर जगह अपना मुंह दिखाने के बजाय लोगों के दिलों में जगह बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
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Source : IANS