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Omicron को लेकर भारत में अलर्ट, डेल्टा से कई गुना खतरनाक है ये वेरिएंट

बेंगलुरु में दो दक्षिण अफ्रीकी नागरिकों में कोविड -19 का पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बादन नए वैरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों में खलबली मच गई है. 

Updated on: 28 Nov 2021, 08:18 AM

highlights

  • रिपोर्ट से पता चलेगा कि क्या दोनों Omicron प्रकार से संक्रमित हैं या नहीं
  • अकेले साउथ अफ्रीका से अब तक 94 लोग बेंगलुरु पहुंच चुके हैं
  • एम्स के डॉक्टर ने कहा, हांगकांग के टीकाकरण के बाद भी दो लोगों में Omicron  

नई दिल्ली:

बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दक्षिण अफ्रीका के दो नागरिकों की हुई जांच में कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद भारत सरकार भी पूरी तरह सतर्क हो गई है. हालांकि आगे की परीक्षण रिपोर्ट से पता चलेगा कि क्या दोनों नागरिक ओमीक्रॉन (Omicron) से संक्रमित हैं या नहीं, लेकिन फिलहाल इस नए वेरिएंट के सामने आने के बाद से भारत में भी हड़कंप मचा हुआ है. अकेले साउथ अफ्रीका से अब तक 94 लोग बेंगलुरु पहुंच चुके हैं. इस बीच भारतीय डॉक्टरों ने भी इस नए वैरिएंट को लेकर चिंता व्यक्त की है. वहीं ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS)  के कम्युनिकेबल डिजीज और कोविड-19 वैक्सीनेशन इंचार्ज डॉक्टर संजय राय ने ओमीक्रॉन वेरिएंट को लेकर चौंकानेवाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हांगकांग के दो व्यक्तियों को लेकर एक ऐसा मामला सामने आया है जिनका टीकाकरण पूरा हो चुका था, इसके बावजूद उन दोनों में साउथ अफ्रीका का यह नया वेरिएंट ओमीक्रॉन पाया गया है. 

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डेल्टा से खतरनाक है ओमीक्रॉन

एम्स के डॉ. संजय राय ने कहा है कि अभी तक साउथ अफ्रीका, ब्रिटेन, डब्ल्यूएचओ, यूरोपियन यूनियन से जो सबूत सामने आए हैं, उनके अनुसार इसमें एंड स्पाइक प्रोटीन तो है, लेकिन एम प्रोटीन मिसिंग है. इसका मतलब यह हो सकता है कि भारत जैसे देश में अधिकांश व्यक्ति डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होकर हार्ड इम्यूनिटी की तरफ बढ़े हैं, वह भी टीकाकरण के बावजूद लगभग नए तरीके से संक्रमित हो सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के केस सामने आने के बाद हमें बुस्टर डोज नहीं बल्कि जल्दी से जल्दी एमआरएनए से नई वैक्सीन बनाने की जरूरत है जो नए म्यूटेशन के खिलाफ कारगर हो.

नए वेरिएंट से स्वास्थ्य विभाग में खलबली

बेंगलुरु में दो दक्षिण अफ्रीकी नागरिकों में कोविड -19 का पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बादन नए वैरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों में खलबली मच गई है. 
बेंगलुरु के ग्रामीण उपायुक्त के. श्रीनिवास ने शनिवार को कहा कि आगे की जांच रिपोर्ट से पता चलेगा कि दक्षिण अफ्रीकी नागरिक ओमीक्रॉन से संक्रमित हैं या नहीं. स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि परीक्षण के परिणाम आने में 48 घंटे और लगेंगे. दोनों को क्वारंटाइन केंद्रों में भेज दिया गया है और वे तब तब तक वहीं रहेंगे जब तक कि उनके रिजल्ट नए वैरिएंट के बारे में पुष्टि नहीं कर देते. श्रीनिवास ने कहा कि अब तक 10 हाई रिस्क वाले देशों से 584 लोग बेंगलुरु पहुंचे हैं और अकेले दक्षिण अफ्रीका से अब तक 94 लोग आए हैं. उन्होंने उच्च जोखिम वाले देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच के संबंध में अधिकारियों द्वारा किए जा रहे सुरक्षा और एहतियाती उपायों का निरीक्षण करने के लिए बेंगलुरु हवाई अड्डे का भी दौरा किया, जहां ओमीक्रॉन संस्करण का पता चला है.

प्रधानमंत्री खुद रख रहे नजर

इस बीच, नए कोविड संस्करण ओमीक्रॉन के मद्देनजर सभी अंतरराष्ट्रीय आगमन की निगरानी की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अधिकारियों से उभरते नए सबूतों के आलोक में अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों को आसान बनाने की योजनाओं की समीक्षा करने को कहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दुनिया भर में कोविड -19 की स्थिति और नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के बारे में जानकारी दी गई है.

इन देशों से आने वाले यात्रियों को लेकर बरतनी होगी एहतियात

ओमीक्रॉन के बारे में बढ़ती चिंता के बीच भारत ने कई देशों से आने वाले यात्रियों को लेकर एहतियात बरतने को कहा है. जिन देशों से यात्रियों को भारत आगमन पर अतिरिक्त उपायों का पालन करना होगा, वे हैं दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, इज़राइल, हांगकांग, यूके सहित यूरोप के अन्य देश. 

क्या बरतें सावधानी

हार्ट और कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहन ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि वैक्सीन की इम्यूनिटी पर किसी भी तरह से निर्भर नहीं रहें. आशंका है कि कहीं यह नया वेरिएंट वैक्सीन से मिली रोग प्रतिरोधक क्षमता पर हावी न हो जाए. हालांकि उन्होंने इस बात को लेकर आश्वस्त किया कि इस नए वेरिएंट का आरटीपीसीआर के जरिए पता लगाया जा सकता है.

सावधानियां बरतनी काफी जरूरी

डॉक्टर त्रेहन के मुताबिक, कोरोना केस कम होने की वजह से लोगों में लापरवाही साफ दिख रही है. देश में लोगों ने फिर शादी, पार्टी, और सार्वजनिक जगहों पर बिना मास्क पहनेजाना शुरू कर दिया है. लेकिन अब सभी को कोविड काल जैसी सावधानियां बरतनी होंगी. अगर चार-छह हफ्ते मास्क समेत कोरोना के सभी नियमों का उचित तरीके से पालन किया जाए तो काफी हद तक खतरे को टाला जा सकता है.

यात्रियों की आवाजाही बंद को लेकर हों निर्णय

'ओमिक्रॉन' वेरिएंट को लेकर फिलहाल जरूरी है कि सरकार इस मामले में अभी से ही एहतियात बरतनी शुरू कर दे. सरकारें, डॉक्टर्स, हेल्थ केयर वर्कर्स समेत दूसरे जिम्मेदार लोगों को मिलकर इससे बचने की प्लानिंग बना लेनी चाहिए. साथ ही यात्रियों की आवाजाही पर रोक लगने से काफी हद तक इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है.