इस्लामिक स्टेट-खुरासन (आईएस-के), अल कायदा के समूह (एक्यूआईएस सहित) और इस्लामाबाद को निशाना बनाने वाले आतंकवादी समूह, जैसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र को सुरक्षित पनाहगाह के रूप में उपयोग करना जारी रखा है। अमेरिकी विदेश विभाग की एक नई रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।
2020 में, तालिबान और संबद्ध हक्कानी नेटवर्क ने अफगान नागरिकों और सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाकर हमले जारी रखा हुआ है।
मोटे तौर पर 2019 में संकलित जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 27 मई को बताया कि अलकायदा और तालिबान के बीच संबंध घनिष्ठ बने रहे। आईएस-के नागरिकों, पत्रकारों, धार्मिक अल्पसंख्यकों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हाई-प्रोफाइल हमलों को जारी रखा हुआ है।
आतंकवादी समूहों ने धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों और पत्रकारों के खिलाफ बाल सैनिकों को प्रताड़ित करना, भर्ती करना और उनका उपयोग करना और हमलों को लक्षित करना जारी रखा हुआ है।
रेसोल्यूट सपोर्ट मिशन की रिपोर्टिग के अनुसार, 1 जनवरी से 30 सितंबर के बीच विद्रोही और आतंकवादी हमले 1,818 नागरिकों की हत्या और 3,488 घायलों के लिए जिम्मेदार थे।
2020 में, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क ने अफगान नागरिकों और सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाया था।
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Source : IANS