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NN EXCLUSIVE: अखिलेश ने कहा- गठबंधन का नेता कौन यह लोकसभा चुनाव के नतीजों पर निर्भर, अभी बीजेपी को हराना लक्ष्य

न्यूज नेशन के साथ दिए एक खास इंटरव्यू में अखिलेश ने कहा कि केंद्र और राज्य की सत्ता से बीजेपी को हटाने के लिए सभी क्षेत्रीय पार्टियों से बातचीत कर रहा हूं।

Updated on: 22 Jun 2018, 10:38 AM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव से करीब 10 महीने पहले हिन्दी न्यूज चैनल न्यूज नेशन को दिए इंटरव्यू में विपक्षी दलों को एकजुट करने से लेकर बंगला विवाद तक पर अपनी बातें बड़ी साफगोई के साथ रखी।

उन्होंने कहा - 'मैं लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को रोकेने की पूरी कोशिश करुंगा।' वहीं बंगला विवाद को लेकर उन्होंने कहा बीजेपी ने अपने फायदे के लिए इसे हवा दी।

पढ़िए न्यूज नेशन को दिए अपने खास इंटरव्यू में पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने और क्या कहा।

सवाल - बंगला विवाद को लेकर जो बातें सामने आई उसमें कितनी सच्चाई है ?

अखिलेश का जवाब - जो बंगला मुझे मिला था वो कानून के तहत मिला था। जिस घर को आपने बनाया हो उससे लगाव हो ही जाता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मैने बंगला छोड़ा। कूड़े के ट्रक के पीछे जाने पर कूड़े ही मिलेगा इसलिए मैने तय किया है कि अब इसपर कोई बात नहीं होगी। बीजेपी जो आरोप लगा रही है मेरा उस पर मानना है कि दीवाल और फर्श के पीछे क्या था उसपर जो विवाद हुआ है वो अपने लिए आवंटित करा लें और सारा खजाना ढूंढ लें।

सवाल - आप हर फ्रंट पर अकेले लड़ते हुए क्यों दिख रहे हैं ?

अखिलेश का जवाब - मैं अकेला नहीं हूं। पूरी पार्टी, सांसद, विधायक और पार्टी कार्यकर्ता साथ हैं। मेरी कोशिश है कि मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोडूं जिसका उदाहरण निषाद पार्टी है। इसी का कारण है कि सीएम और डिप्टी सीएम दोनों अपने गृह क्षेत्र के पर सीट चुनाव हार गए।

सवाल - क्या लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देगी समाजवादी पार्टी ?

अखिलेश का जवाब - जो माहौल है या जो गठबंधन हुआ है ये फॉर्मूला हमने बीजेपी से सीख कर उन्हीं पर लागू कर दिया। जहां तक बात कांग्रेस की है तो समाजवादी पार्टी का सबसे अच्छा संबंध रहा है और यह आगे भी बना रहेगा। सीटों के बंटवारे पर जब तक बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच बातचीत नहीं होती है इसमें किसी और दल को शामिल करना ठीक नहीं होगा।

सवाल - लोकसभा चुनाव में जो गठबंधन बनेगा उसका नेता कौन होगा ?

अखिलेश का जवाब - बहुत सारे दल इस कोशिश में है कि एक साथ काम करके बीजेपी को देश से हटाएं। इन्होंने देश का नुकसान किया है और इन्हें हटाना पहले सबसे ज्यादा जरूरी है। जहां तक नेतृत्व का सवाल है तो वो चुनाव परिणाम आने के बाद भी तय किया जा सकता है कि गठबंधन का नेता कौन होगा। मैं नेता बनूंगा या नहीं यह अभी नहीं चुनाव बाद तय होगा। मैं नेता बनने की लड़ाई में नहीं बीजेपी को रोकने की लड़ाई में हूं।

सवाल - क्या 2019 में बीजेपी विपक्षियों को दे पाएगी मात ?

अखिलेश का जवाब - बीजेपी को खुद को बढ़ा चढ़कर दिखा रही थी और ऐसा लग रहा था कि उनसे कोई मुकाबला नहीं कर सकता। बीएसपी को शून्य, आरएलडी को शून्य और हमें सिर्फ 5 सीटें मिली थी। विधानसभा सीटें जीतने के बाद उनका अंहकार और बढ़ गया था। वो अपनी सीमा लांघ गए थे इसलिए इन्हें रोकना जरूरी था। मेरी कोशिश है कि यूपी में सभी पार्टियों को साथ लेकर ऐसी ताकत तैयार की जाए जो बीजेपी से सीधे मुकाबला कर सके।

सवाल - गठबंधन के दूसरे नेताओं में 2019 चुनाव को लेकर विजन की कमी है ?

अखिलेश का जवाब - गठबंधन को लेकर सिर्फ मैं आगे नहीं हूं बल्कि मैं सबके साथ हूं। मैं बस इतना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को रोका जाए क्योंकि यूपी के बिना वो सरकार नहीं बना सकते। मुझे नेता माना जाएगा या नहीं ये सवाल तब उठेगा जब सभी दल लोकसभा चुनाव में जीत जाएं।

सवाल - लैपटॉप समाजवादी पार्टी ने बांटे और डिजिटल इंडिया का क्रेटिड बीजेपी ले रही है ?

अखिलेश का जवाब - बीजेपी के पास सिर्फ नारे हैं जो लोगों सिर्फ गुमराह करने के लिए बनाए गए हैं। जमीन पर कोई काम नहीं हुआ है। जबतक आधारभूत ईको सिस्टम नहीं बनेगा तब तक डिजिटल इंडिया संभव नहीं है। बुनियादी जरूरत को पूरा करने पहले सबसे जरूरी है।

सवाल - बीजेपी के मुकाबले क्या गठबंधन के दल किसानों का दिल जीत पाएंगे ?

अखिलेश का जवाब - पीएम और यूपी के सीएम ने कहा था कि गोरखपुर का खाद कारखाना शुरू किया जाएगा लेकिन दिल्ली के पांच बजट और यूपी के दो बजट पूरे हो गए लेकिन कुछ नहीं हुआ। किसानों की आमदनी डबल करने का वादा किया था लेकिन कितने किसानों की आमदनी बढ़ी। इन्होंने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। बीज समय पर नहीं मिल रहा और डीजल भी महंगा हो गया है। किसान कर्जमाफी के नाम पर कुछ पैसे देकर बस प्रचार किया गया। गन्ना किसानों ने दुखी होकर ही उपचुनाव में बीजेपी के खिलाफ वोट दिया।

सवाल - क्या विपक्ष को 2019 में भी ईवीएम का डर सता रहा है ?

अखिलेश का जवाब - कैरान उपचुनाव में जितने बड़े पैमाने पर ईवीएम में कमियां सामने आईं थी और चुनाव आयोग को कहना पड़ा कि गर्मी की वजह से मशीनें खराब हुई। अगर ठंड आ जाएंगी तक ईवीएम चलेगी ही नहीं। ईवीएम और वीवीपीएट मशीन कभी भी खराब हो जाते हैं जिससे वोट नहीं पड़ पाते हैं।

सवाल - बीजेपी ने साफ नीयत सही विकास का नारा दिया है क्या यह काम करेगा ?

अखिलेश का जवाब - राजनीति में वही सफल होता है जिसकी नीयत सही होती है। जहां तक बीजेपी का सवाल है उन्हें चुनाव में बताना पड़ेगा की अच्छे दिन आएंगे कि नहीं आएंगे। अच्छे दिन पर ही उनके नियत का पता लग जाएगा। बीजेपी नारे अच्छे देती है और लोगों को गुमराह करती है अब लेकिन यह चलने वाला नहीं है।

सवाल - मीडिया से नाराजगी की क्या वजह है ?

अखिलेश का जवाब - मैं मीडिया से नाराज नहीं था बल्कि मीडिया के माध्यम से जिसके लिए काम करवाया जा रहा था मैं उससे नाराज था। जो अपना काम कर रहे थे वो ईमानदारी से नहीं किसी के कहने पर काम कर रहे थे। हमने 18 लाख लैपटॉप दी थी ऐसे में टोटी की क्या कीमत है।

अखिलेश यादव ने कहा कि उनका लक्ष्य है कि देश के समाजवादी हमारे साथ यानि की समाजवादी पार्टी के साथ आगे बढ़ें।

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