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कमलनाथ के 'विवादित' बयान पर बिहार-यूपी में घमासान, अखिलेश ने बताया गलत, जेडीयू ने की निंदा

कमलनाथ ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कहा था कि मध्य प्रदेश में ऐसे उद्योगों को छूट दी जाएगी, जिनमें 70 प्रतिशत नौकरी मध्य प्रदेश के लोगों को दी जाएगी.

Updated on: 19 Dec 2018, 07:29 AM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद संभालते ही कमलनाथ अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं. बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों पर दिए गए बयान पर कमलनाथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सहित अन्य दूसरे दलों की आलोचनाओं का शिकार हो रहे हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कमलनाथ के बयान को गलत ठहराया है.

अखिलेश यादव ने कहा, 'उनका बयान गलत है. यही चीज हमेशा महाराष्ट्र से भी सुनने को मिलती है- यहां उत्तर भारतीय क्यों आते हैं? वे यहां रोजगार क्यों लेते हैं? दिल्ली में भी यही होता है और अब एमपी में भी. अगर उत्तर भारतीय फैसला कर लें तो केंद्र में सरकार कौन बनाएगा?'

कमलनाथ ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कहा था कि मध्य प्रदेश में ऐसे उद्योगों को छूट दी जाएगी, जिनमें 70 प्रतिशत नौकरी मध्य प्रदेश के लोगों को दी जाएगी. कमलनाथ ने कहा था, 'बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों के कारण मध्य प्रदेश के स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती है.'

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी कमलनाथ और राहुल गांधी से माफी की मांग की. सिंह ने कहा, 'मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि वह संघवाद में विश्वास करते हैं या नहीं. कमलनाथ और राहुल गांधी दोनों को देश से, खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.'

सिंह ने कहा कि कमलनाथ, एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे की भाषा में बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग जहां भी जाते हैं,अपना योगदान देते हैं.

कमलनाथ के बयान पर बिहार का सियासी पारा भी चढ़ गया. जनता दल (युनाइटेड) (JDU) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कमलनाथ के इस बयान को संघीय ढांचे पर हमला बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हर दिन संविधान बचाने का प्रलाप करते हैं और उनके मुख्यमंत्री क्षेत्रीयता को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं.

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उन्होंने कहा, 'बिहार के लोग अपनी मेहनत के बल पर रोजगार पाते हैं. जेडी(यू) ऐसे बयानों की निंदा करती है जिससे क्षेत्रवाद को बढ़ावा मिलता है.' उन्होंने कहा कि यह बयान बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का अपमान है. इन राज्यों के कांग्रेसी नेताओं को भी ऐसे बयानों की निंदा करनी चाहिए.

गौरतलब है कि अभी हाल ही में कुछ दिनों पहले रेप की घटना के बाद गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले हुए थे और हिंसा भड़की थी. साथ ही आए दिन महाराष्ट्र में शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों पर हिंसा की खबरें आती रहती हैं.

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