शरिया अदालतों की तर्ज पर मेरठ में खुलेंगे 'हिंदू कोर्ट', हुआ पहली जज का एलान

मेरठ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने बुधवार को दावा किया कि देश की पहली हिंदू अदालत की स्थापना कर दी गई है।

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vineet kumar1
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शरिया अदालतों की तर्ज पर मेरठ में खुलेंगे 'हिंदू कोर्ट', हुआ पहली जज का एलान

अखिल भारतीय हिंदू महासभा

शरिया कोर्ट की तर्ज पर अब अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने देश की पहली हिंदू अदालत को मेरठ में स्थापित करने का ऐलान कर दिया है। इतना ही नहीं हिंदू महासभा ने पहले न्यायाधीश के रूप में एक महिला का चयन भी कर लिया है। मीडिया रिपोर्टों के आधार पर महासभा ने दावा किया है कि वो 2 अक्टूबर को अदालत का बायलॉज सार्वजनिक करेंगे और 15 नवंबर को यूपी के अन्य 5 जिलों में इसी तरह की और अदालतें खोलेंगे।

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मेरठ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने बुधवार को दावा किया कि देश की पहली हिंदू अदालत की स्थापना कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि महासभा की राष्ट्रीय पदाधिकारी पूजा शकुन पांडे को पहली हिंदू जज के रूप में नियुक्त किया गया है। 2 अक्टूबर को इस अदालत का बायलॉज पूजा शकुन पांडे ही पेश करेंगी।

उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य जल्द 15 अदालतें स्थापित करने का है। इसी लक्ष्य के तहत 15 नवंबर को नाथूराम गोडसे की फांसी के दिन अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, फिरोजाबाद और शिकोहाबाद में 5 और हिंदू अदालतों की स्थापना की जाएगी।

हिंदू महासभा का कहना है कि हिंदू अदालत का लाभ परेशान लोगों को मिलेगा। जमीन, मकान, दुकान, विवाह, पारिवारिक विवाद आदि मामले आपसी सहमति से सुलझाए जाएंगे।

महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा की पीएम मोदी और सीएम योगी की ओर से की गई उपेक्षा के चलते हमें हिंदू अदालतों को गठन करना पड़ा है। हमने पीएम और सीएम को पत्र लिखकर कहा था कि भारत में एक ही संविधान माना जा सकता है। देश में खुली और खुलने वाली शरई अदालतों को तत्काल बंद कराया जाए नहीं तो हिंदू महासभा हिंदू अदालत 15 अगस्त को खोल देगी।

महासभा का कहना है कि पत्र का जवाब नहीं आने पर बुधवार को अदालत की स्थापना का ऐलान कर दिया गया।

वहीं हिंदू अदालत की पहली न्यायाधीश के रूप में चुने जाने पर पूजा शकुन पांडे ने कहा कि वह कानून जानती हैं और इस अदालत में हर जरूरतमंद को इंसाफ दिया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि उनकी अदालत को किसी की मान्यता की जरूरत नहीं है जिस तरीके से बिना मान्यता के खुद के कानून पर शरिया अदालतें चल रही हैं वैसे ही हमारी अदालत भी चलेंगी।

Source : News Nation Bureau

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