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नई दिल्ली :
अब तक आपने AK-47 राइफल का नाम सुना होगा. क्योंकि भारत में सुरक्षा के लिए यह आम व्यपन है. लेकिन अब भारत रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के प्रयास में है. जिसके चलते उत्तर प्रदेश के अमेठी में AK-203 बनाने की परिक्रिया शुरु की गई है. जानकारी के मुताबिक केन्द्र सरकार की मंजूरी के बाद पहली खेप में 5 लाख AK-203 राइफल्स का निर्माण शुरु कर दिया गया है. आपको बता दें कि यह रक्षा अधिग्रहण में खरीद (वैश्विक) से मेक इन इंडिया में लगातार बढ़ते प्रतिमान को दर्शाता है.
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7.62 X 39mm कैलिबर AK-203 राइफल्स तीन दशक पहले शामिल इन-सर्विस इंसास राइफल की जगह लेगी. AK-203 असॉल्ट राइफल्स, 300 मीटर की प्रभावी रेंज के साथ, हल्के वजन, मजबूत और सिद्ध तकनीक के साथ आधुनिक असॉल्ट राइफल्स का उपयोग करने में आसान हैं. इससे जहां एक ओर भारतीय सेना की ताकत बढ़ेगी. वहीं आंतरिक सुरक्षा भी मजबूत होगी. सरकार का मानना है कि अब देश में ही ज्यादातर व्यपन का उत्पादन कराया जाएगा. ताकि मेक इन इंडिया को बल मिल सके.
इस परियोजना को इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) नामक एक विशेष उद्देश्य संयुक्त उद्यम द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा. परियोजना से युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. एक आंकड़े के मुताबिक सीधे तौर पर AK-203 के उत्पादन से लगभग एक लाख नए रोजगार पैदा होंगे. साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे. रक्षा एक्सपर्ट के मुताबिक यह उत्पादन रूस समझौते को भी मजबूती प्रदान करेगा. क्योंकि भारत ने हाल ही में रूस से रक्षा समझोता किया है.