अमित शाह (Amit Shah) के गृह मंत्री बनने पर घट गया अजित डोवाल (Ajit Doval) का रुतबा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कैबिनेट में जब से गृह मंत्री के रूप में अमित शाह (Amit Shah) की एंट्री हुई है, राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का रुतबा कुछ कम हुआ है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कैबिनेट में जब से गृह मंत्री के रूप में अमित शाह (Amit Shah) की एंट्री हुई है, राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का रुतबा कुछ कम हुआ है.

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Sunil Mishra
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अमित शाह (Amit Shah) के गृह मंत्री बनने पर घट गया अजित डोवाल (Ajit Doval) का रुतबा

गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजित डोवाल( Photo Credit : File Photo)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कैबिनेट में जब से गृह मंत्री के रूप में अमित शाह (Amit Shah) की एंट्री हुई है, राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का रुतबा कुछ कम हुआ है. राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के गृह मंत्री रहते जो आजादी उन्‍हें हासिल थी, अब वो नहीं है. अब सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को कोई निर्देश देने से पहले अजित डोवाल (Ajit Doval) को अमित शाह की मंजूरी की जरूरत पड़ रही है. 'जनसत्‍ता' की खबर के अनुसार, राजनाथ सिंह जब गृहमंत्री थे तो नॉर्थ ब्लॉक (North Block) की बैठकों में अजीत डोवाल को मौजूद रहने की स्वतंत्रता थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है.

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मोदी सरकार 2.0 में अजीत डोवाल आईबी चीफ और अन्य एजेंसियों के प्रमुखों को निर्देश देते हैं तो उन्हें पहले अमित शाह से मंजूरी लेनी पड़ रही है. दूसरी ओर, कुछ अन्‍य क्षेत्रों में अजीत डोवाल का कद कुछ अन्य क्षेत्रों में बढ़ा भी है. जैसे, पहले सरदार पटेल भवन के एक फ्लोर पर डोवाल का ऑफिस था, लेकिन अब उन्‍हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल है और पूरी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सचिवालय की बिल्डिंग पर अजीत डोवाल का कब्जा है.

अजित डोवाल की मदद के लिए 3 डिप्टी एनएसए भी नियुक्त किए गए हैं. पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के अधीन सिर्फ एक ही डिप्टी एनएसए होता था. अब डिप्‍टी एनएसए के तौर पर आरएन रवि, राजिंदर खन्ना और पंकज सरन को अजीत डोवाल की मदद के लिए लगाया गया है. वहीं नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को भी अब एक पूर्ण सरकारी विभाग की तरह विकसित किया जा रहा है.

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बीते 5 अगस्त को केन्द्र सरकार ने एक बहुत ही अहम और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधान हटा दिए थे. यह बात भी दीगर है कि सरकार ने इस फैसले को ठीक तरह से लागू करने की जिम्मेदारी जिन लोगों केा दी थी, उनमें अजीत डोवाल का नाम प्रमुख है. आर्टिकल 370 हटने के बाद घाटी में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने और स्थानीय लोगों से मिलकर तनावपूर्ण माहौल को कुछ हद तक कम करने में अजीत डोवाल ने अहम योगदान दिया है.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

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