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एक साल में विमानों में तकनीकी खराबी से संबंधित 478 मामले सामने आए : मंत्रालय

एक साल में विमानों में तकनीकी खराबी से संबंधित 478 मामले सामने आए : मंत्रालय

Updated on: 28 Jul 2022, 05:10 PM

नई दिल्ली:

1 जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022 के बीच विमानों में तकनीकी खराबी से संबंधित कुल 478 घटनाएं हरुई।

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को लोकसभा में कहा, संचालन के दौरान, विमान में लगे घटकों/उपकरणों में खराबी के कारण एक विमान तकनीकी खराबी का अनुभव कर सकता है, जिसे निरंतर सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय हवाई परिवहन सेवा के लिए एयरलाइनों द्वारा सुधार की आवश्यकता होती है। फ्लाइट क्रू द्वारा कॉकपिट में एक कर्ण या ²श्य चेतावनी प्राप्त करने या एक निष्क्रिय/दोषपूर्ण प्रणाली का संकेत मिलने पर या विमान के संचालन में कठिनाई का अनुभव करते समय इन तकनीकी खराबी की सूचना दी जाती है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा पिछले एक वर्ष (1 जुलाई, 2021- 30 जून, 2022) के दौरान अनुसूचित ऑपरेटरों के इंजीनियरिंग और रखरखाव पहलुओं पर कुल 177 निगरानी, 497 स्पॉट चेक और 169 रात की निगरानी की गई है।

2021-22 के दौरान निगरानी, स्पॉट चेक, रात्रि निगरानी के दौरान पाए गए उल्लंघनों के आधार पर, उल्लंघन के 21 मामलों में डीजीसीए द्वारा एयरलाइन ऑपरेटर के जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई की गई है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ लाइसेंस का निलंबन, पद धारक (विमान के रखरखाव में शामिल एयरलाइनों के लिए अनुमोदित कार्मिक), चेतावनी पत्र जारी करना आदि शामिल है।

मंत्री ने कहा कि डीजीसीए ने नागरिक उड्डयन आवश्यकता (सीएआर) के तहत नियम निर्धारित किए हैं, जिसके लिए यह आवश्यक है कि विमान को निर्माताओं के दिशानिर्देशों के अनुसार बनाए रखा जाए और विमान को उड़ान के लिए छोड़ने से पहले विमान पर रिपोर्ट की गई सभी खराबी को ठीक किया जाए। इसके अलावा, सीएआर रखरखाव संगठन के अनुमोदन के लिए आवश्यकताओं को निर्धारित करता है, जो संगठन को आवश्यक जनशक्ति, उपकरण और साहित्य के प्रकार और बेड़े के रखरखाव के लिए आवश्यक है। मंत्री ने कहा कि प्रणाली के तहत, एयरलाइन ऑपरेटरों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है कि विमान निरंतर उड़ान-योग्यता की स्थिति में बनाए रखा जाता है और सभी दोषों को ठीक किया जाता है।

जवाब में कहा गया है कि डीजीसीए के पास यात्रियों और विमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइंस/संगठनों और कर्मियों की निगरानी, स्पॉट चेक, रात की निगरानी आदि करने का एक निर्धारित तंत्र है। निगरानी, स्पॉट चेक और रात की निगरानी के दौरान किए गए निष्कर्षो को सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए एयरलाइन को प्रदान किया जाता है। प्रेक्षणों को ठीक करने के लिए की गई कार्रवाई की समीक्षा की जाती है। डीजीसीए निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार प्रवर्तन कार्रवाई करता है जिसमें शामिल कर्मियों/एयरलाइन को वित्तीय दंड लगाने सहित चेतावनी, निलंबन, रद्द करना शामिल हो सकता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.