हरियाणा के कई जिलों की वायु गुणवत्ता पंजाब से अधिक खराब: अधिकारी

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार हरियाणा के शहरों पलवल, फरीदाबाद, हिसार, फतेहाबाद, गुड़गांव, जींद, भिवानी में वायु गुणवत्ता खराब रही.

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार हरियाणा के शहरों पलवल, फरीदाबाद, हिसार, फतेहाबाद, गुड़गांव, जींद, भिवानी में वायु गुणवत्ता खराब रही.

author-image
Ravindra Singh
New Update
हरियाणा के कुछ जिलों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में, पंजाब में भी स्थिति खराब

पंजाब हरियाणा में वायु की गुणवत्ता खराब( Photo Credit : फाइल)

हरियाणा के कई जिलों में बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता 'गंभीर' और 'बहुत खराब' श्रेणी में रही, जो पंजाब के विभिन्न शहरों की तुलना में काफी खराब है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि भले ही पिछले कुछ दिनों में दोनों कृषि प्रधान राज्यों में पराली जलाये जाने की घटनाओं में कमी आई हो, लेकिन कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता बेहद खराब रही. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार हरियाणा के शहरों पलवल, फरीदाबाद, हिसार, फतेहाबाद, गुड़गांव, जींद, भिवानी में वायु गुणवत्ता खराब रही. पलवल का वायु गुणवत्ता सूचकांक 461, फरीदाबाद का 441, हिसार का 425, फतेहाबाद का 413, गुड़गांव का 414, जींद का 410 और भिवानी का 406 रहा.

Advertisment

सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा के रोहतक का वायु गुणवत्ता सूचकांक 387, सिरसा का 385, बहादुरगढ़ का 372 रहा जो बहुत खराब दी श्रेणी में आता है. वहीं, पड़ोसी राज्य पंजाब में वायु गुणवत्ता कहीं 'बेहद खराब' तो कहीं 'खराब' रही. बठिंडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 329, अमृतसर का 329, पटियाला का 261, जालंधर का 230 और लुधियाना का 237 रहा. दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ का वायु गुणवत्ता सूचकांक 210 रहा, जो खराब माना जाता है. गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर एवं आपात’ माना जाता है.

चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल के मुताबिक 15 नवंबर के बाद मौसम की स्थिति में सुधार की संभावना है. वहीं, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में काफी गिरावट आई है. अधिकारियों ने कहा कि कुल मिलाकर, पंजाब में इस वर्ष 23 सितंबर से 13 नवंबर के बीच पराली जलाये जाने की कुल 48,689 घटनाएं हुईं. 2017 में यह आंकड़ा 42,308 और 2018 में 44,845 था. हरियाणा में इस मौसम में अब तक पराली जलाए जाने की 6 हजार से अधिक घटनाएं सामने आ चुकी हैं. भाषा जोहेब पवनेश पवनेश

Source : भाषा

Air Pollution in Haryana AIR Pollution in Punjab Chandigrh Met Department
      
Advertisment