एयर इंडिया (Air India) की 4 महिला पायलटों की एक टीम ने दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग नॉर्थ पोल पर उड़ान भर एक नया इतिहास रच दिया है. रविवार को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को से उड़ान भरने के बाद महिला पायलटों की यह टीम नॉर्थ पोल से होते हुए बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची. इस सफर के दौरान करीब 16,000 किलोमीटर की दूरी तय की गई. इसे लेकर लोगों में खासा उत्साह रहा. लोकेशन की जानकारी खुद एयर इंडिया अपने ट्विटर हैंडल से समय-समय पर दे रहा था. सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप पुरी ने भी इसे लेकर ट्वीट किया.
फिलहाल, विमान नॉर्थ पोल के ऊपर से गुजरकर भारत पहुंच चुका है. यह फ्लाइट नॉर्थ पोल के ऊपर से होते हुए और अटलांटिक मार्ग से बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंची है. बता दें कि कैप्टन जोया अग्रवाल इस ऐतिहासिक उड़ान का नेतृत्व कर रही हैं. को-पायलट के तौर पर जोया के साथ कैप्टन पापागरी तनमई, कैप्टन शिवानी और कैप्टन आकांक्षा सोनवरे हैं.
एयर इंडिया ने ट्वीट कर कहा कि, 'वेलकम होम, हमें आप सभी (महिला पायलटों) पर गर्व है. हम AI176 के पैसेंजर्स को भी बधाई देते हैं, जो इस एतिहासिक सफर का हिस्सा बने.'
उड़ान भरने से पहले कैप्टन जोया ने बताया था कि, 'ध्रुवीय उड़ान पहले भी भरी गई है, लेकिन यह पहली बार है जब हमारे पास चालक दल में सभी महिलाएं हैं. 'भारत की बेटियां' अमेरिका की सिलिकॉन वैली से भारत की सिलिकॉन वैली तक उड़ान भरेंगी.'
वहीं, सैन फ्रांसिस्को से विमान के उड़ान भरने के बाद हरदीप पुरी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि, 'कॉकपिट में पेशेवर, टैलेंटेड और कॉन्फिडेंट महिला पायलटों ने एयर इंडिया के विमान से सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु के लिए उड़ान भरी है. वे नॉर्थ पोल से गुजरेंगी. हमारी नारी शक्ति ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है.'
एक दूसरे ट्वीट में सिविल एविएशन मिनिस्टर ने लिखा था कि सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु तक का ये ऐतिहासिक सफर महिला पायलटों की वजह से वंदे भारत मिशन को और भी खास बनाती है. मिशन ने अब तक 46.5 लाख से अधिक लोगों की अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की सुविधा प्रदान की है. फिलहाल, विमान नॉर्थ पोल क्रॉस करके के बाद भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है.
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद कैप्टन जोया अग्रवाल ने कहा, आज हमने न केवल उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरकर, बल्कि केवल महिला पायलटों द्वारा इसे सफलतापूर्वक करके एक विश्व इतिहास रचा है. हम इसका हिस्सा बनकर बेहद खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं। इस मार्ग ने 10 टन ईंधन बचाया है.
Source : News Nation Bureau