
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि एयर फोर्स में काम करने वालों को दाढ़ी रखने की इजाज़त नहीं होगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एयर फोर्स के एक मुस्लिम कर्मचारी की बर्खास्तगी को सही ठहराया। इस शख्स ने धार्मिक आधार पर लम्बी दाढ़ी रखने की दलील दी थी।
सुप्रीम कोर्ट का ये मानना है कि अनुशासन और एकरूपता को बनाये रखने के लिये सैन्य बलों के नियम और कानून की अवहेलना नहीं की जा सकती।
Air force personnel can't sport beard: Supreme Court, in its order, junked appeal by Muslim man to keep his beard during service.
— ANI (@ANI_news) December 15, 2016
2008 में इंडियन एयरफोर्स जॉइन करने के चार साल बाद अंसारी आफताब ने दाढ़ी रखने की अनुमति मांगी थी। उन्हें नियमों के मुताबिक इसकी इजाजत नहीं मिली, जिसके बाद अंसारी 40 दिन की छुट्टी पर चले गए और ड्यूटी पर दाढ़ी बढ़ाकर वापस लौटे। अंसारी को आईएएफ के नियम न मानने के लिए 2008 में नौकरी से हटा दिया गया।
वायुसेना में क्या है नियम
बताया जाता है कि उसी साल इस ओर दो याचिकाएं भी दायर की गईं। इनमें से एक वायुसेना के कॉरपोरल मोहम्मद जुबैर ने, जबकि दूसरी महाराष्ट्र के पुलिसकर्मी मोहम्मद फासी ने दायर की थी। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय वायुसेना 1 जनवरी 2002 से पहले नामांकन के समय दाढ़ी रखने वाले मुसलमानों को चेहरे पर बाल रखने की अनुमति देता है। हालांकि इसकी लंबाई और रखरखाव के संबंध में कई सारे नियम भी हैं।