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दुश्मन देशों से मिल रही चुनौतियों पर बोले भदौरिया- वायुसेना को और ताकतवर बनाएंगे

इंडियन एयरफोर्स (Indian Airforce) अगले दो दशकों में 350 विमान खरीदने की योजना बना रही है. वायुसेना के चीफ आरकेएस भदौरिया (Air Chief Marshal RKS Bhadauria) ने इसकी जानकारी दी है.

Updated on: 08 Sep 2021, 06:26 PM

नई दिल्ली:

इंडियन एयरफोर्स (Indian Airforce) अगले दो दशकों में 350 विमान खरीदने की योजना बना रही है. वायुसेना के चीफ आरकेएस भदौरिया (Air Chief Marshal RKS Bhadauria) ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि अब हल्के लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी चल रही है. साथ ही स्वदेशी कंपनियों से ही विमान खरीदे जाएंगे. चीफ ऑफ एयर स्टाफ ने भारतीय एयरोस्पेस क्षेत्र विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चीन से मिल रही चुनौतियों के मद्देनजर भारतीय वायुसेना की संपूर्ण ताकत को और मजबूती देने पर बल दिया जा रहा है. 

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वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि उत्तर के पड़ोसी देश को देखते हुए हमारे पास आला दर्जे की प्रौद्योगिकियां होनी चाहिए, जिन्हें सुरक्षा कारणों से हमारे अपने उद्योग की ओर से देश में ही बनाया जाना चाहिए. एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशकों में देश से ही लगभग 350 विमान खरीदने की तैयारी कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि यह एक मोटा-मोटा अनुमान है.

भदौरिया ने आगे कहा कि भारत के एयरोस्पेस उद्योग में तेजस हल्के लड़ाकू विमान परियोजना ने भरोसा पैदा किया है और यह भी विश्वास जगाया है कि इसके और भी विकसित होने की असीम संभावनाएं हैं.

जटिल परिस्थितियों में क्षमता में सुधार के लिए काम करना चाहिए : वायुसेना प्रमुख भदौरिया

आपको बता दें कि पिछले दिनों भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायु सेना के जटिल परिस्थितियों में रखरखाव और संचालन क्षमता में सुधार के साथ-साथ स्वदेशी परियोजनाओं के सक्रिय अनुसरण पर जोर देने की कोशिश होनी चाहिए. उन्होंने 11 और 12 अगस्त को नागपुर के वायु सेना नगर में अनुरक्षण कमान पर कमांडरों के सम्मेलन के दौरान यह बात कही थी. 

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कमांडरों को अपने संबोधन में वायु सेना प्रमुख ने भारतीय वायु सेना की विशाल और विविध सूची के सावधानीपूर्वक प्रबंधन में रखरखाव कमान की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया. आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार भारतीय वायुसेना की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू की गई पहल के लिए कमान की सराहना करते हुए, उन्होंने स्वदेशी परियोजनाओं के सक्रिय अनुसरण पर जोर देने के साथ-साथ जटिल परिस्थितियों में रखरखाव और संचालन क्षमता में सुधार के लिए क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला चाहिए.