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File Photo- Getty images
एयर एशिया इंडिया को लेकर सायरस मिस्री के खुलासे के बाद नागर विमानन मंत्रालल ने मामले की निगरानी शुरू कर दी है। एयर एशिया इंडिया टाटा और एयर एशिया का ज्वाइंट वेंचर है।
मंत्रालय का कहना है कि उसकी नजर इस डील पर है और अगर कुछ गलत पाया जाता है तो इसे लेकर कार्रवाई की जाएगी। सिविल एविएशन सेक्रेटरी आर एन चौबे ने कहा, 'हम इस मामले में कहीं से भी आने वाली सूचना का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी तक हमें इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।'
मिस्री ने अपनी चिट्ठी में टाटा ग्रुप के एविएशन वेंचर को लेकर कई सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि एयर एशिया इंडिया जेवी के दौरान 22 करोड़ रुपये का फर्जी लेन-देन भारत और सिंगापुर की वैसी कंपनियों के साथ हुआ जिसका कोई वजूद ही नहीं है।
मिस्री के आरोपों के सामने आने के बाद एयर एशिया इंडिया डील गंभीर विवादों के घेरे में आ गई है। मिस्री की पारिवारिक कंपनी शपूर जी पलोन जी कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र की बड़ी कंपनी है और यह टाटा ग्रुप की बड़ी शेयरहोल्डर है।
Source : News Nation Bureau
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