logo-image

बुर्कानशीं महिलाएं ही बुर्का-हिजाब की गलत धारणाएं दूर करें: AIMPLB

बोर्ड के महासचिव मौलाना महफूज रहमानी उमरैन ने कहा कि मेरी प्यारी बहनों, इस समय आप लोगों को हिजाब के बारे में सही से जानकारी दें कि आप हिजाब से पीड़ित नहीं हैं बल्कि सम्मानित और स्वतंत्र हैं.

Updated on: 14 Feb 2022, 12:36 PM

highlights

  • 'हिजाब' और 'पर्दा' की गलत धारणा दूर करने आगे आएं महिलाएं
  • बताएं हिजाब से पीड़ित नहीं हैं बल्कि सम्मानित और स्वतंत्र हैं
  • बोर्ड के महासचिव मौलाना महफूज रहमानी उमरैन ने की अपील

लखनऊ:

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा है कि मुस्लिम महिलाओं को हिजाब के खिलाफ विरोध के नाम पर नफरत फैलाने वाले लोगों का मुकाबला करने के लिए, 'हिजाब' और 'पर्दा' के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने के लिए आगे आना चाहिए. सोशल मीडिया सेशन में बोर्ड के महासचिव मौलाना महफूज रहमानी उमरैन ने कहा कि मेरी प्यारी बहनों, इस समय आप लोगों को हिजाब के बारे में सही से जानकारी दें कि आप हिजाब से पीड़ित नहीं हैं बल्कि सम्मानित और स्वतंत्र हैं. आपकी सफलता सभी मुसलमानों की सफलता है.

उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को स्वतंत्रता है और उन्हें इस हद तक सम्मान दिया जाता है कि जन्नत को महिला के पैरों के नीचे बताया जाता है. उन्होंने कहा कि हिजाब एक सम्मानित मुस्लिम महिला की पहचान है. यह समाज के शैतानी पहलुओं से बचाता है. मौलवी ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस्लाम ने महिलाओं को घर से बाहर निकलने से नहीं रोका है. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं से अपने जीवन में हिजाब स्वीकार करने का आग्रह करते हुए कहा कि इस तरह से बाहर निकलें कि आपके सम्मान में कोई बाधा न हो. इस्लाम यही पसंद करता है.

मौलाना ने कहा कि जो लोग पहले से ही ऐसा कर चुके हैं, उन्हें इसके बारे में दूसरों को सूचित करना चाहिए. यह प्रचार को रोक देगा और हिजाब के खिलाफ नफरत का मुकाबला करेगा. गौरतलब है कि कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुए हिजाब विवाद लगभग पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है. कुछ इस मसले को सुप्रीम कोर्ट तक ले गए. हालांकि सर्वोच्च अदालत ने कर्नाटक हईकोर्ट में चल रही सुनवाई के मद्देनजर फिलहाल सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं.