मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, दोबारा कुरान लिखने जैसा होगा तीन तलाक को अवैध ठहराना

इस मामले में बोर्ड ने कहा, 'अगर पवित्र कुरान की इसी तरह बुराई की जाती रही तो जल्दी ही इस्लाम खात्मे की कगार पर आ जाएगा।'

इस मामले में बोर्ड ने कहा, 'अगर पवित्र कुरान की इसी तरह बुराई की जाती रही तो जल्दी ही इस्लाम खात्मे की कगार पर आ जाएगा।'

author-image
abhiranjan kumar
एडिट
New Update
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, दोबारा कुरान लिखने जैसा होगा तीन तलाक को अवैध ठहराना

देश में तीन तलाक का मु्द्दा लगातार गरमाता जा रहा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि अगर तीन तलाक को अमान्य करार दिया जाता है तो यह अल्लाह के निर्देशों का उल्लंघन होगा।

Advertisment

इस मामले में लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि तीन तलाक को न मानना कुरान को दोबारा लिखने और मुस्लिमों से जबरदस्ती पाप कराने के लिए मजबूर करने जैसा होगा। AIMPLB तीन तलाक के मुद्दे को संविधान की धारा 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) के तहत वैध बताया है।

इस मामले में बोर्ड ने कहा, 'अगर पवित्र कुरान की इसी तरह बुराई की जाती रही तो जल्दी ही इस्लाम खात्मे की कगार पर आ जाएगा। हालांकि तीन तलाक डिवॉर्स देने का बिल्कुल अलग तरीका है लेकिन कुरान की पवित्र आयतों और पैगंबर के आदेश के मद्देनजर इसे अवैध करार नहीं दिया जा सकता।'

तीन तलाक के मामले पर सुनवाई से पहले बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित दलीलें पेश की। AIMPLB ने कहा है कि तीन तलाक का आदेश कुरान से आता है।

इसे भी पढ़ेंः AIMPLB ने सुप्रीम कोर्ट से कहा ट्रिपल तलाक के मसले पर बरगलाया जा रहा है, 30 मार्च को होगी सुनवाई

दलील में बोर्ड ने कहा है कि पवित्र कुरान के मुताबिक, 'तीन बार तलाक कह देने पर बीवी अपने पुराने पति के लिए 'हराम' हो जाती है और यह तब तक रहता है जब तक 'हलाला' की प्रक्रिया पूरी न कर ली जाए। कुरान में साफ लिखा गया है कि तीन बार तलाक बोल देने के बाद फैसले को बदला नहीं जा सकता है। तलाक के बाद पति उस महिला के साथ दोबारा रिश्ते में तब तक नहीं आ सकता, जब तक कि वह अपनी पसंद के किसी और शख्स से शादी न कर ले। इतना ही नहीं महिला और उसके पूर्व पति के बीच रिश्ता तब जायज माना जाएगा जब महिला के दूसरे पति की मौत हो गई हो या उससे तलाक हो गया हो।'

इसे भी पढ़ेंः 'मेल पर्सनल लॉ बोर्ड' बन गया है ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड: एमजे अकबर

AIMPLB के वकील एजाज मकबूल ने कहा कि तीन तलाक का मकसद तलाकशुदा महिलाओं को अपनी मर्जी से दोबारा शादी करने का हक देना है। बोर्ड ने यह भी कहा है कि सभी मुस्लिम कुरान और पैगम्बर के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।

HIGHLIGHTS

  • तीन तलाक को अमान्य करार देना अल्लाह के निर्देशों का होगा उल्लंघन
  • तीन तलाक को न मानना कुरान को दोबारा लिखने जैसा होगाः बोर्ड

Source : News Nation Bureau

Triple Talaq AIMPLB
      
Advertisment