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AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी
लंबी चर्चा के बाद गुरूवार को लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल पारित हो गया. इस बिल के अंतर्गत तीन तलाक या तलाक-ए-इबादत को दंडनीय अपराध ठहराया गया है. इसके साथ ही जुर्माने के साथ तीन साल की सज़ा का भी प्रावधान है. कांग्रेस सहित अन्य कई विपक्षी दलों ने विधेयक में सज़ा के प्रावधान का विरोध किया. हालांकि, इस पर सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि यह किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं बल्कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए लाया गया है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसिलमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया. ओवैसी ने कहा, 'यह कानून सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को रोड पर लाने का है, उनको बर्बाद और कमज़ोर करना है और जो मुस्लिम मर्द है, उनको बर्बाद और कमज़ोर करना है. मुस्लिम मर्द हैं उनको जेल में डालने का है. यही इस कानून का गलत इस्तेमाल होगा, आप देखना.'
AIMIM President Asaduddin Owaisi on #TripleTalaq Bill passed in LS: Yeh kanoon sirf aur sirf Muslim mahilaon ko road par lane ka hai, unko barbaad aur kamzor karna hai or jo Muslim mard hain unko jail mein daalne ka hai. Yahi is Kanoon ka ghalat istemal hoga, aap dekhna. pic.twitter.com/bOoue1KMCX
— ANI (@ANI) December 27, 2018
लोकसभा में विधेयक पर मत विभाजन के दौरान इसके पक्ष में 245 वोट और विपक्ष में 11 मत पड़े. विधेयक वोटदेने से पहले कांग्रेस कर अन्नाद्रमुक ने सदन से वॉकआउट कर दिया था. विधेयक के अंतर्गत तत्काल तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाया गया है, जिसके तहत जुर्माने के साथ तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है. प्रस्तावित कानून जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा.
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