उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अभी से कमर कसने लगे हैं. इस कड़ी में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन भी पीछे नहीं है. क्षेत्रीय दलों से गठबंधन के कयासों के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी में 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है. बिहार विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद एआईएमआईएम की नजर अब उत्तर प्रदेश पर है. एआईएमआईएम सूबे में ओम प्रकाश राजभर की अगुआई वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और छोटी पार्टियों के गठबंधन भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ मिल कर चुनाव लड़ेगी. जाहिर है ओवैसी के इस फैसले से समाजवादी पार्टी के मुस्लिम-यादव समीकरण गड़बड़ाने का संकट खड़ा हो गया है.
उम्मीदवार चुनने की प्रकिया शुरू
हैदराबाद के सांसद ने हिंदी में ट्वीट कर घोषणा की कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ेगी. ओवैसी आम तौर पर अंग्रेजी में सोशल मीडिया पर संदेश देते हैं. ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश विधानसभा के संबंध में हमने 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. पार्टी ने उम्मीदवारों को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और हमने उम्मीदवार आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है.’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘हम ओपी राजभर साहब भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ हैं. हमारी और किसी पार्टी से चुनाव या गठबंधन के सिलसिले में कोई बात नहीं हुई है.’ उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. बिहार विधानासभा चुनाव में एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पांच सीटों पर उसे जीत मिली थी.
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गड़बड़ाएगा अखिलेश का MY समीकरण
असदुद्दीन ओवैसी के यूपी की लड़ाई में उतरने के बाद राजनीति गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि इससे अखिलेश यादव का मुस्लिम-यादव समीकरण गड़बड़ा सकता है. समाजवादी पार्टी का मुस्लिम वोटबैंक पर काफी प्रभाव है. मुस्लिम और यादव समीकरण के सहारे सपा यूपी की सत्ता में आती रही है. अब 100 सीटों पर एआईएमआईएम के प्रत्याशी उतारने से सपा के मुस्लिम वोटबैंक पर कितना असर पड़ेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा. हालांकि ओवैसी किस कदर प्रभाव छोड़ते हैं इसका अंदाजा बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों से लगाया ही जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- यूपी विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने भी ताल ठोकी
- पार्टी ने 100 प्रत्याशियों के लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू की
- एआईएमआईएम के आने से सपा के समीकरण गड़बड़ा सकते हैं