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RSS प्रमुख के बयान पर ओवैसी का पलटवार, कहा 'ये सोच हिंदुत्व विचारधारा की देन'

ओवैसी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख का कहना है कि भागवत ने कहा

Updated on: 05 Jul 2021, 05:18 PM

दिल्ली :

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बड़ा बयान देते हुए रविवार को लिंचिंग को हिंदुत्व के खिलाफ बताया था. उन्होंने कहा कि इसमें शामिल लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं. मोहन भागवत ने 'हिंदू-मुस्लिम एकता' शब्द को भ्रामक बताते हुए कहा कि दोनों एक हैं. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गाजियाबाद के मेवाड़ कॉलेज में रविवार को ख्वाजा इफ्तार अहमद की लिखित पुस्तक 'द मीटिंग ऑफ माइंड्स' का विमोचन करते हुए कहा, "हम एक हैं और इसका आधार हमारी मातृभूमि है. इसलिए यहां कभी झगड़ा करने की जरूरत नहीं पड़ती. हम समान पूर्वजों के वंशज हैं. हम भारत के सब लोगों का डीएनए समान है. चाहे वे किसी भी धर्म के हों."

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के मॉब लिंचिंग वाले बयान पर टिप्पणी करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाले अपराधियों को हिंदुत्व सरकार का समर्थन प्राप्त है. ओवैसी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख का कहना है कि भागवत ने कहा "लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी". इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे. ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है.

ओवैसी ने ट्वीट किया, 'RSS के भागवत ने कहा कि लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी. इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ये नफ़रत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है.'

उन्होंने आगे लिखा, 'केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक़ के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है, आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहां भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते? कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोंच का अटूट हिस्सा है। मुसलमानों की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है.'