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असदुद्दीन ओवैसी का सरकार पर निशाना, पूछा- लद्दाख में क्यों नहीं लगवाईं कीलें?

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कृषि कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा सरकार ने किसानों के लिए दिल्ली के बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं जबकि लद्दाख में चीनी सेना आक्रामक है.

Updated on: 08 Feb 2021, 03:48 PM

अहमदाबाद:

नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठे हैं. तीनों की बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं. बॉर्डर पर 16 लेयर तक की बैरीकेडिंग की गई है. इसे लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा कि एक तरह चीन लद्दाख में भारत को लगातार आंखें दिखा रहा है लेकिन सरकार का ध्यान चीन के बजाए किसानों के आंदोलन पर है. लद्दाख के बजाए दिल्ली की सीमा पर कीलबंदी की जा रही है. 

लद्दाख में क्यों नहीं लगवाईं कीलें?
असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए दिल्ली में हाईवे को खोदने और कीलें लगाने के बदले सरकार को यही कदम चीन की आक्रमकता को रोकने के लिए लद्दाख में उठाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि चीन बार-बार भारत को आंख दिखा रहा है लेकिन सरकार किसानों के लिए दिल्ली के बॉर्डर पर पहरा दे रही है. गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस हिंसा के बाद दिल्ली के तीन बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने के लिए बैरीकेडिंग की गई है. लोहे और सीमेंट की बैरीकेडिंग के साथ ही किसानों को रोकने के लिए कीलें भी लगाई गई हैं. इसे लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. इससे पहले कांग्रेस सहित वाम दलों ने भी इसे लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. 

मन की बात पर भी साधा निशाना
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें किसानों के ‘मन की बात’ को सुननी चाहिए. ओवैसी का निशाना हर महीने होने वाली प्रधानमंत्री के रेडियो संबोधन पर था. ओवैसी ने कहा कि सरकार ने लद्दाख में कीलें क्यों नहीं लगवाईं, जहां 18 सैनिक शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी का सीमा 56 इंच का होता तो चीन को अब तक सबक सिखा दिया गया होता. गौरतलब है कि ओवैसी लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं. इससे पहले उन्होंने किसानों के आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा था कि सरकार को किसानों की बातें माननी चाहिए.