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AIIMS ने वीआईपी मरीजों के लिए अलग काउंटर खोलने के फैसले को वापस लिया

गुरुवार को एक बैठक के बाद नए काउंटर को बंद करने का फैसला ले लिया गया। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक सर्कुलक अस्पताल की ओर से जारी नहीं किया गया है।

Updated on: 10 Mar 2017, 11:05 AM

नई दिल्ली:

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने वीआईपी मरीजों के लिए नया और अलग काउंटर खोलने के फैसले को वापस ले लिया है। माना जा रहा है कि मीडिया में इससे जुड़ी खबरें आने के बाद एम्स ने यह फैसला लिया है।

अंग्रेजी अखबार इंडिया एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि गुरुवार को एक बैठक के बाद नए काउंटर को बंद करने का फैसला ले लिया गया। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक सर्कुलक अस्पताल की ओर से जारी नहीं किया गया है। अब पहले की ही तरह मीडिया और प्रोटोकॉल डिविजन वीआईपी अनुशंसा पर गौर करेगा

इससे पहले गुरुवार को यह खबर आई थी कि एम्स ने 'नया काउंटर' खोला है जहां उन लोगों को खास तवज्जो दी जाएगी जो किसी वीआईपी पैरवी या फिर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के लिए तैनात ऑफिसर्स ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) की ओर से आते हैं। बता दें कि नड्डा एम्स के प्रेसिडेंट भी हैं।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एम्स की ओर से 23 फरवरी को जारी एक सर्कुलर में कहा गया था कि प्रेसिडेंट के ओएसडी की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए या फिर सांसदों की पैरवी से आने वाले मरीजों के लिए एक नया काउंटर 1 मार्च से शुरू हो जाएगा।

साथ ही इस सर्कुलर में कहा गया था कि एम्स यह नया काउंटर खास तौर पर केवल प्रेसिडेंट के विशेष अधिकारियों, एम्स और सांसदों की ओर से आए वीआईपी पैरवी के लिए काम करेगा।

इस सर्कुलर के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री से जुड़े यह विशेष अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि किसी डॉक्टर की ओर से आई कोई अनुशंसा वीआईपी है या नहीं। इसके अलावा डायरेक्टर, मेडिकल सुप्रिटेंडेंट और सीनियर आर्थिक सलाहकार भी यह फैसला ले सकेंगे कि कोई अनुशंसा वीआईपी है या नहीं।

इस काउंटर को राजकुमार अमृत कौर ओपीडी भवन में शुरू किया गया था। बता दें कि औसतन हर दिन 10 हजार मरीज एम्स के ओपीडी काउंटर पर आते हैं।

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